नयी दिल्ली : सरकार विदेशी कंपनियों को उनकी अनुषंगी इकाइयों द्वारा भारत में किए गए लाभांश कर भुगतान पर अपने देश में देश कर कटौती के दावे की छूट देने के लिये कर कानून में संशोधन पर विचार कर रही है. सूत्रों ने कहा कि वित्त मंत्री अरुण जेटली 28 फरवरी को पेश किये जाने वाले अपने बजट में इस बारे में कुछ घोषणा कर सकते हैं.
सूत्र ने कहा, ‘इससे विदेशी कंपनियों की अनुषंगी इकाइयों द्वारा लाभांश वितरण कर के भुगतान के संदर्भ कुछ विसंगतियां दूर होगी.’ कंपनियों द्वारा अपने शेयरधारकों को दिये जाने वाले लाभांश पर 20 प्रतिशत की दर से लाभांश वितरण कर (डीडीटी) लगाया जाता है. 1997 में यह शुल्क लगाये जाने से पहले शेयरधारकों के हाथों में पहुंचे लाभांश पर कर की कटौती होती थी.
फिलहाल विदेशी कंपनियों को उनकी अनुषंगी इकाइयों द्वारा भुगतान किये गये डीडीटी के लिये अपने देश में कटौती का दावा करने में चुनौतियों का सामना करना पडता है. हालांकि डीडीटी 15 प्रतिशत की दर से लगाया जाता है लेकिन शिक्षा उपकर तथा अधिभार से यह करीब 20 प्रतिशत हो जाता है.
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