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ग्लेनमार्क फार्मा पर लाइनेजोलिड एंटीबायोटिक बनाने पर लगी रोक दिल्ली हाई कोर्ट ने हटाई
नयी दिल्ली : दिल्ली उच्च न्यायालय ने अपने एकल न्यायाधीश की पीठ के मुंबई की जेनेरिक दवा बनाने वाली कंपनी ग्लेनमार्क फार्मास्यूटिकल्स लिमिटेड पर अपनी एंटीबायोटिक दवा लाइनेजोलिड बनाने और बेचने पर रोक लगाने संबंधी फैसला खारिज कर दिया. लाइनेजोलिड एक सिंथेटिक एंटीबायोटिक है जिसका उपयोग त्वचा एवं रक्त संक्रमण और न्यूमोनिया के इलाज में […]
नयी दिल्ली : दिल्ली उच्च न्यायालय ने अपने एकल न्यायाधीश की पीठ के मुंबई की जेनेरिक दवा बनाने वाली कंपनी ग्लेनमार्क फार्मास्यूटिकल्स लिमिटेड पर अपनी एंटीबायोटिक दवा लाइनेजोलिड बनाने और बेचने पर रोक लगाने संबंधी फैसला खारिज कर दिया.
लाइनेजोलिड एक सिंथेटिक एंटीबायोटिक है जिसका उपयोग त्वचा एवं रक्त संक्रमण और न्यूमोनिया के इलाज में होता है. न्यायमूर्ति बदर दुर्रेज अहमद और संजीव सचदेव की पीठ ने एकल पीठ के 19 जनवरी के अंतरिम आदेश को दरकिनार करते हुए ग्लेनमार्क को निर्देश दिया कि वह अपनी दवा विनिर्माण तथा बिक्री का हिसाब-किताब रखे और इसे अदालत में पेश करे.
अदालत ने हैदराबाद की एक कंपनी सायमेड लेबोरेटरीज लिमिटेड को नोटिस भी जारी किया जिसकी याचिका पर एकल पीठ ने ग्लेनमार्क को लाइनेजोलिड बनाने से रोक दिया था. सायमेड का दावा था कि ग्लेनमार्क उसके द्वारा पेटेंट कराई गई प्रक्रियाओं के जरिए अपनी दवा बना रही है.
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