मुंबई:देश के शेयर बाजारों में पिछले सप्ताह प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स और निफ्टी में मामूली तेजी रही, जबकि तेज खपत वाली उपभोक्ता वस्तु (एफएमसीजी) सेक्टर में सात फीसदी से अधिक उछाल दर्ज किया गया.
बंबई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का 30 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक सेंसेक्स गत सप्ताह 0.96 फीसदी या 191.38 अंकों की तेजी के साथ शुक्रवार को 20,149.85 पर बंद हुआ. नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का 50 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक निफ्टी 0.34 फीसदी या 20.20 अंकों की तेजी के साथ 6,029.20 पर बंद हुआ.
गत सप्ताह सेंसेक्स के 30 में से 16 शेयरों में तेजी रही. हिंदुस्तान यूनिलीवर (14.17 फीसदी), टीसीएस (8.46 फीसदी), भारती एयरटेल (8.23 फीसदी), ओएनजीसी (6.75 फीसदी) और आईटीसी (5.49 फीसदी) में सर्वाधिक तेजी रही. गिरावट वाले शेयरों में प्रमुख रहे आईसीआईसीआई बैंक (9.69 फीसदी), टाटा स्टील (8.28 फीसदी), भेल (7.51 फीसदी), स्टरलाइट इंडस्ट्रीज (6.17 फीसदी) और एचडीएफसी (5.45 फीसदी).
बीएसई के मिडकैप और स्मॉलकैप सूचकांकों में गत सप्ताह गिरावट रही. मिडकैप 0.91 फीसदी गिरावट के साथ 5,993.46 पर और स्मॉलकैप 0.53 फीसदी गिरावट के साथ 5,706.48 पर बंद हुआ.
गत सप्ताह बीएसई के 13 में से छह सेक्टरों में तेजी रही. तेज खपत वाली उपभोक्ता वस्तु (7.10 फीसदी), तेल एवं गैस (4.11 फीसदी), सूचना प्रौद्योगिकी (3.98 फीसदी), प्रौद्योगिकी (3.87 फीसदी) और वाहन (1.09 फीसदी) में सर्वाधिक तेजी रही. गिरावट वाले सेक्टरों में प्रमुख रहे बैंकिंग (6.23 फीसदी), रियल्टी (4.08 फीसदी), धातु (3.47 फीसदी), पूंजीगत वस्तु (2.19 फीसदी) और बिजली (1.27 फीसदी).
गत सप्ताह के प्रमुख घटनाक्रमों में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने शुक्रवार को कहा कि सरकार अर्थव्यवस्था में तेजी लाने के लिए कोई भी कोर-कसर बाकी नहीं छोड़ेगी. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि मौजूदा कारोबारी साल में देश की विकास दर अनुमानित 6.5 फीसदी से कम रह सकती है.
उद्योग जगत की संस्था एसोचैम के एक सम्मेलन में उन्होंने संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार के पिछले आठ वर्षो में किए गए विशेष कार्यो को गिनाया और आर्थिक सुधार के पथ पर लगातार आगे बढ़ते रहने का आश्वासन दिया. उन्होंने उम्मीद जताई कि समुचित बारिश के कारण कृषि क्षेत्र का बेहतर प्रदर्शन रहेगा और गांवों में मांग बढ़ेगी, जिससे उद्योग का प्रदर्शन सुधरेगा.
सरकार के प्रदर्शन को प्रमुखता से पेश करते हुए सिंह ने कहा कि आठ वर्षों (2004-05 से 2012-13) में औसत विकास दर 8.2 फीसदी रही. यह दर इससे पहले के आठ वर्षों में हासिल 5.7 फीसदी से काफी अच्छी है.
गुरुवार को सरकार ने कहा कि वित्त मंत्रालय ने कर से संबंधित मुद्दों या विवादों पर सरकार और औद्योगिक समूहों के बीच विचारों के आदान-प्रदान के लिए एक मंच का गठन किया है.
केंद्रीय वित्तमंत्री पी. चिदंबरम के सलाहकार पार्थसारथी शोम इस मंच की अध्यक्षता करेंगे. यह मंच हर बुधवार को शाम तीन बजे बैठक करेगा. पहली बैठक सात अगस्त को होगी.
चिदंबरम ने बुधवार को कहा कि सरकार मौजूदा कारोबारी साल में अपने बजटीय राजस्व का लक्ष्य हासिल कर लेगी.
केंद्रीय उत्पाद एवं सीमा शुल्क बोर्ड के मुख्य आयुक्तों और महानिदेशकों सम्मेलन में उन्होंने कहा, "2012-13 में हमें पिछले कारोबारी साल के मुकाबले 21 फीसदी अधिक राजस्व हासिल हुआ. चूंकि अर्थव्यवस्था निश्चित रूप से पांच फीसदी से अधिक गति से विकास करने वाली है, मुझे लगता है कि छह फीसदी के आसपास की विकास दर के साथ हम पिछले कारोबारी साल के मुकाबले 19 फीसदी अधिक हासिल कर पाएंगे."
सरकार को प्रत्यक्ष कर के रूप में 13,300 करोड़ और अप्रत्यक्ष कर के रूप में 4,700 करोड़ रुपये हासिल होने का अनुमान है.
रक्षा मंत्री एके एंटनी की अध्यक्षता में मंत्रियों के एक अधिकार प्राप्त समूह (ईजीओएम) ने बुधवार को यह फैसला किया कि गैस आवंटन नीति और केजी-डी6 गैस से ऊर्वरक क्षेत्र को आवंटन में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा.
बिजली क्षेत्र को अन्य स्रोतों से गैस की उपलब्धता बनाने के मुद्दे पर विचार करने के लिए ईजीओएम फिर एक बार 22 जुलाई को बैठक करेगी.
चिदंबरम ने मंगलवार को कहा कि मौजूदा कारोबारी साल में आर्थिक विकास दर छह फीसदी या इससे थोड़ी अधिक रहने की सम्भावना है.
मंगलवार को ही एशियाई विकास बैंक (एडीबी) ने वर्ष 2013 में भारत की आर्थिक विकास दर के पूर्वानुमान को घटाकर 5.8 फीसदी कर दिया. इससे पहले, अप्रैल में एडीबी ने 6 फीसदी विकास दर का पूर्वानुमान लगाया था.
सोमवार को भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर डी. सुब्बाराव ने कहा कि इस महीने के आखिर में नीति तय करते वक्त बैंक महंगाई दर में ताजा वृद्धि का ध्यान रखेगा.
वाणिज्य मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक थोक महंगाई दर जून में चार महीने से चल रही गिरावट की चाल बदल कर मामूली वृद्धि के साथ 4.86 फीसदी रही. यह दर मई में 4.7 फीसदी थी. रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति की समीक्षा की घोषणा 30 जुलाई को होगी.
सोमवार को भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर डी. सुब्बाराव ने कहा कि इस महीने के आखिर में नीति तय करते वक्त बैंक महंगाई दर में ताजा वृद्धि का ध्यान रखेगा.
वाणिज्य मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक थोक महंगाई दर जून में चार महीने से चल रही गिरावट की चाल बदल कर मामूली वृद्धि के साथ 4.86 फीसदी रही. यह दर मई में 4.7 फीसदी थी. रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति की समीक्षा की घोषणा 30 जुलाई को होगी.
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