चेन्नई: रिजर्व बैंक का मानना है कि भारी संख्या में आम जनता से धन जुटाने वाली धोखाधड़ी योजनाओं के खिलाफ कदम उठाने में राज्य सरकारों की प्रमुख जवाबदेही है.
उल्लेखनीय है कि इस तरह की योजनाओं में उंचे रिटर्न का वादा कर आम जनता से धन जुटाया जाता है और बाद में ये कंपनियां गायब हो जाती हैं अथवा डूब जाती हैं.
रिजर्व बैंक गवर्नर डी सुब्बाराव ने कहा, ‘‘देश भर के गांवों में संचालित इस तरह की योजनाओं से हम चिंतित हैं. धन की प्रसार योजनायें, मार्केटिंग योजनाएं जो कि गैरकानूनी हैं. न तो सरकार और न ही नियामकीय संस्थानों को इस तरह के संस्थानों के बारे में पूरी जानकारी है. हम यह समझने की कोशिश कर रहे हैं कि ये लोग गांवों में किस प्रकार से संचालन करते हैं.’’
सुब्बाराव ने कहा, ‘‘यह नियामकीय असफलता नहीं है. जो संस्थान नियमन में हैं उनकी प्रभावी तरीके से निगरानी की जाती है. लेकिन एक सार्वजनिक नीति संस्थान के रुप में रिजर्व बैंक की जिम्मेदारी है.’’ रिजर्व बैंक गवर्नर ने कहा, ‘‘सरकार की जिम्मेदारी है. मुङो लगता है कि मुख्य जिम्मेदारी राज्य सरकारों की है. सिर्फ उन्हीं के पास इन गैरकानूनी योजनाओं के खिलाफ अनिवार्य निगरानी की पहुंच है.’’
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