नयी दिल्लीः राज्य सभा चयन समिति ने बीमा पर अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप दी है. सरकार ने बीमा विधेयक पर सहमति बनाने के लिए राज्य सभा सांसद चंदन मित्रा की अध्यक्षता में 15 सदस्यीयचयन समितिबनाई थी.
समिति की महत्वपूर्ण सिफारिशें :-
-रिपोर्ट में री-इंश्योरेंस (पुनर्बीमा) की परिभाषा में बदलाव का सुझाव
-चयन समिति ने 49 फीसदी की सीमा सभी तरह के एफडीआई और एफपीआई पर लागू करने की सिफारिश
-नई इक्विटी के जरिए कैपिटल बेस बढ़ाने की सिफारिश
– हेल्थ इंश्योरेंस के लिए 100 करोड़ रुपये की पूंजी अनिवार्य करने की सिफारिश.
-आईआरडीए और मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया को हेल्थ इंश्योरेंस नियम बनाने की सिफारिश
-इंश्योरेंस एक्ट में कंट्रोल की परिभाषा जरूरी
-नियमों के आधार पर आईआरडीए को हेल्थ इंश्योरेंस रेगुलेशन तैयार करने की सिफारिश .
यदि बीमा विधेयक पारित हो जाता है तो सरकार को उम्मीद है कि 5 साल में करीब 5 अरब डॉलर का एफडीआई निवेश होगा.
बिल को लेकर सरकार की क्षमता दाव पर
भाजपा सरकार अगर विधेयक को शीतकालीन सत्र में पारित नहीं करा पाती है, तो सरकार की क्षमता पर भी सवाल खड़े हो सकते है. केंद्र की भाजपा सरकार पूर्ण बहुमत में है और यदि वह इसमें फेल होती हैं, तो उसके बड़े आर्थिक सुधारों को अमल में लाने की क्षमता पर भी सवाल खड़ें होंगे.
वित्त मंत्री को विधेयक पारित होने की उम्मीद
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने उम्मीद जताई है कि लंबे समय से अटके बीमा संशोधन विधेयक को सरकार संसद के शीतकालीन सत्र पारित करवाने में कामयाब रहेगी.
आम आदमी को होगा सबसे ज्यादा फायदा
बीमा क्षेत्र में यदि 49 फीसदी एफडीआई का रास्ता खुलता है, तो बीमा क्षेत्र में तेजी से टेक्नॉलजी लेवल पर निवेश होने के साथ-साथ कंपनियों को अपनी सेवाएं सुदूर क्षेत्रों तक पहुंचाना आसान हो जाएगा.इससे सबसे ज्यादा फायदा आम आदमी को होगा.
बीमा विधेयक के पारित होने का इंतजार कर रही हैं ब्रिटेन की कंपनियां
ब्रिटेन की बीमा कंपनियां बेसब्री से बीमा विधेयक के पारित होने का इंतजार कर रही हैं. इस विधेयक से बीमा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की सीमा 26 से बढाकर 49 प्रतिशत करने का रास्ता खुल जाएगा.
लंदन के मेयर एलन यॉरो ने आज यहां कहा कि हमें उम्मीद है कि आपकी संसद द्वारा बीमा विधेयक चालू शीतकालीन सत्र में पारित कर दिया जाएगा. ‘‘यदि ऐसा होता है तो यह हमारे लिए काफी महत्वपूर्ण होगा क्योंकि लंदन दुनिया का प्रमुख बीमा केंद्र है.’’ उन्होंने कहा कि बीमा विधेयक पारित होने के बाद अधिक से अधिक ब्रिटेन की कंपनियां यहां अपना निवेश बढाना चाहेंगी.
इंश्योरेंस कंपनियों के शेयरों में उछाल
राज्यसभा सेलेक्ट कमिटी के हेल्थ इंश्योरेंस रिपोर्ट को पेश करने के बाद इंश्योरेंस कंपनियों के शेयरों में जोरदार उछाल देखा जा रहा है.
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