नयी दिल्ली : रुस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन 11 दिसंबर को यहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ सालाना शिखर वार्ता में भाग लेने आएंगे और दोनों नेता इस वार्ता के दौरान रक्षा व परमाणु जैसे प्रमुख क्षेत्रों में सहयोग पर अपने दृष्टिकोण रखेंगे. पुतिन की यात्रा के दौरान 15-20 समझौतों पर हस्ताक्षर की संभावना है.
सूत्रों ने बताया कि दोनों देशों के बीच यह 15वीं शिखर वार्ता होगी. पुतिन की इस यात्रा से भारत-रुस के ‘विशेष व गौरवशाली’ संबधों को नयी गति मिलने की उम्मीद है. इस दौरान पक्ष देश द्विपक्षीय कारोबार को बढाने के तौर तरीकों सहित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा करेंगे. द्विपक्षीय कारोबार इस समय 10 अरब डालर है.
यात्रा के दौरान पुतिन मोदी के साथ अकेले में तथा प्रतिनिधि स्तर पर विस्तार से विचार विमर्श करेंगे. वे राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से भी मिलेंगे जो कि उनके सम्मान में भोज का आयोजन कर रहे हैं. सूत्रों ने कहा कि इस यात्रा के दौरान विभिन्न प्रमुख परियोजनाओं पर विशेष रुप से चर्चा हो सकती है जिनमें रुस-भारत के बीच गैस पाइपलाइन तथा पांचवीं पीढी के लडाकू विमान (एफजीएफए) कार्यक्रम शामिल है.
इसके अलावा परमाणु उर्जा क्षेत्र आगे सहयोग पर भी बातचीत के दौरान चर्चा होने की संभावना है. संयुक्त सचिव (यूरेशिया) अजय बिसारिया ने कहा, राष्ट्रपति पुतिन की यात्रा महत्वपूर्ण पडाव है और इससे दोनों देशों के मौजूदा द्विपक्षीय संबंधों को नयी गति मिलने की संभावना है. उन्होंने कहा कि दोनों नेता अगले दशक में हमारे संबंधों के बारे में एक संयुक्त दृष्टिकोण पेश करेंगे.
उन्होंने कहा कि उक्त दृष्टिकोण दस्तावेज दोनों देशों के बीच भागीदारी बढाकर इसे नये स्तर पर पहुंचाने के बारे में खाका पेश करेगा. पुतिन के साथ एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधि मंडल भी यहां आ रहा है. दोनों नेता भारत और रुस की प्रमुख कंपनियों के मुख्य कार्यकारियों के साथ संयुक्त रुप से वार्ता कर सकते हैं. मोदी व पुतिन के बीच यह पहला सालाना शिखर सम्मेलन होगा.
दोनों नेता इस साल इससे पहले अलग अलग मंचों पर दो बार मिल चुके हैं. ब्राजील में जुलाई में ब्रिक सम्मेलन में हुई मुलाकात में मोदी ने कहा था कि भारत में बच्चा-बच्चा जानता है कि रूस भारत का ‘घनिष्ट मित्र’ है. दूसरी मुलाकात पिछले माह आस्ट्रेलिया में जी20 शिखर बैठक में हुई.
उल्लेखनीय है कि रुस पर पश्चिमी देशों के प्रतिबंधों के बाद उसे भारत से विशेषकर खाद्य उत्पादों के निर्यात में अच्छी खासी वृद्धि देखने को मिली है. सूत्रों ने कहा कि रुस से बिना तराशे हीरों के बढते निर्यात पर भी इस दौरान चर्चा होगी.
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