मुंबई : रुपये में कमजोरी रोकने के लिए रिजर्व बैंक अपने विदेशी मुद्रा भंडार से 30 अरब डालर तक की बिक्री कर सकता है और 20 अरब डालर जुटाने के लिए प्रवासी भारतीय बांड जारी कर सकता है.
यह अनुमान बैंक आफ अमेरिका मेरिल लिंच (बीओएफएएमएल) ने लगाया है. बैंक ने कहा हमें उम्मीद है कि आरबीआई 1998 के रिसर्जेंट इंडिया बांड और 2001 के मिलीनियम इंडिया बांड की तरह आखिरकार प्रवासी बांड के जरिये 20 अरब डालर जुटा सकता है. इसके अलावा केंद्रीय बैंक रुपये को सहायता प्रदान करने के लिए 30 अरब डालर तक बेच सकता है.
बीओएफएएमएल की रपट में कहा गया कि 1998 और 2001 की तरह बाजार को स्थिति करने के लिए सात से नौ प्रतिशत के कूपन बांड जारी कर धन जुटाया जा सकता है.
देश के बैंकों ने बांड के जरिये 1998 और 2001 के आर्थिक संकट के दौरान प्रवासी भारतीयों को जारी बांड से क्रमश: 4.8 अरब डालर और 5.5 अरब डालर जुटाये गये थे.
बीओएफएएमएल ने कहा कि उसे उम्मीद है कि आरबीआई डालर के मुकाबले 60 से स्तर पर रपए को सुरक्षा प्रदान करेगा. रुपया आज के कारोबार में 40 पैसे की कमजोरी के साथ खुला था और अपराह्न में यह 59.74 प्रति डालर के स्तर पर चल रहा था.
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