नयी दिल्ली : औद्योगिक कर्मचारियों की खुदरा मुद्रास्फीति इस साल जुलाई में बढकर 7.23 प्रतिशत हो गयी जो जून में 6.49 प्रतिशत थी. खाद्य वस्तुओं, पेट्रोल, रेल भाडा, कालेज फीस तथा मकान किराया बढने के कारण खुदरा मुद्रास्फीति बढी है. श्रम मंत्रालय के एक बयान के अनुसार मासिक उपभोक्ता मूल्य सूचकांक-औद्योगिक कर्मचारी (सीपीआई-आईडब्ल्यू) पर आधारित […]
नयी दिल्ली : औद्योगिक कर्मचारियों की खुदरा मुद्रास्फीति इस साल जुलाई में बढकर 7.23 प्रतिशत हो गयी जो जून में 6.49 प्रतिशत थी. खाद्य वस्तुओं, पेट्रोल, रेल भाडा, कालेज फीस तथा मकान किराया बढने के कारण खुदरा मुद्रास्फीति बढी है. श्रम मंत्रालय के एक बयान के अनुसार मासिक उपभोक्ता मूल्य सूचकांक-औद्योगिक कर्मचारी (सीपीआई-आईडब्ल्यू) पर आधारित मुद्रास्फीति जुलाई में 7.23 प्रतिशत रही जो इससे पिछले महीने में 6.49 प्रतिशत थी.
एक साल पहले जुलाई में यह 10.85 प्रतिशत बढी थी.’’ खाद्य मुद्रास्फीति आलोच्य महीने में 8.11 प्रतिशत रही जबकि जून में यह 5.88 प्रतिशत थी. वहीं 2013 के जुलाई महीने में यह 14.10 प्रतिशत थी.
सूचकांक में जो बदलाव हुआ, उसमें सर्वाधिक 4.42 प्रतिशत अंक का योगदान खाद्य वस्तुओं के समूह का रहा. मकान किराया सूचकांक का योगदान 1.08 प्रतिशत अंक रहा. वस्तुओं के मामले में चावल, अंडा, दूध, प्याज, हरी मिर्च, टमाटर, आलू एवं अन्य सब्जियों तथा फलों, चीनी, चाय, डॉक्टर फीस, कालेज फीस, पेट्रोल, रेल किराया आदि में वृद्धि से सूचकांक उपर चढा.
हालांकि गेहूं, दवा आदि के सस्ता होने से खुदरा मुद्रास्फीति में वृद्धि पर थोडा विराम लगा. अखिल भारतीय सीपीआई-आईडब्ल्यू जुलाई में 6 अंक बढा और 252 अंक रहा. मासिक आधार पर इसमें 2.44 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. जबकि एक वर्ष पूर्व इसमें 1.73 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी.
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