23.1 C
Ranchi
Thursday, March 28, 2024

BREAKING NEWS

Trending Tags:

केरल के पान, तमिलनाडु के पंचामिर्थम, मिजोरम के डिजाइनर कपड़े और शॉल को मिला जीआई टैग

नयी दिल्ली : केरल के पान, तमिलनाडु के डिंडीगुल जिले के पलानी शहर के पलानी पंचामिर्थम, मिजोरम के तल्लोहपुआन एवं मिजोपुआनचेई और के तिरूर के पाने के पत्ते को पंजीकृत जीआई सूची में शामिल किया गया है. उद्योग एवं आतंरिक व्यापार संवर्धन विभाग के अनुसार, उसने हाल ही में चार नये भौगोलिक संकेतकों (जीआई) को […]

नयी दिल्ली : केरल के पान, तमिलनाडु के डिंडीगुल जिले के पलानी शहर के पलानी पंचामिर्थम, मिजोरम के तल्लोहपुआन एवं मिजोपुआनचेई और के तिरूर के पाने के पत्ते को पंजीकृत जीआई सूची में शामिल किया गया है. उद्योग एवं आतंरिक व्यापार संवर्धन विभाग के अनुसार, उसने हाल ही में चार नये भौगोलिक संकेतकों (जीआई) को पंजीकृत किया गया है.

इसे भी देखें : मुजफ्फरपुर : शाही लीची पर लग गया जीआई टैग, मिली राष्ट्रीय पहचान

दरअसल, जीआई टैग या पहचान उन उत्‍पादों को दी जाती है, जो किसी विशिष्‍ट भौगोलिक क्षेत्र में ही पाये जाते हैं और उनमें वहां की स्‍थानीय खूबियां मौजूद होती हैं. जीआई टैग लगे किसी उत्‍पाद को खरीदने के समय ग्राहक उसकी विशिष्‍टता एवं गुणवत्‍ता को लेकर आश्‍वस्‍त रहते हैं. जीआई टैग वाले उत्‍पादों से दूरदराज के क्षेत्रों में ग्रामीण अर्थव्‍यवस्‍था लाभान्वित होती है, क्‍योंकि इससे कारीगरों, किसानों, शिल्‍पकारों और बुनकरों की आमदनी में इजाफा होता है.

विभाग के अनुसार, तमिलनाडु के डिंडीगुल जिले के पलानी शहर की पलानी पहाड़ियों में स्थित अरुल्मिगु धान्‍दयुथापनी स्‍वामी मंदिर के पीठासीन देवता भगवानधान्‍दयुथापनी स्‍वामी के अभिषेक से जुड़े प्रसाद को पलानीपंचामिर्थम कहते हैं. इस पवित्र प्रसाद को एक निश्चित अनुपात में पांच प्राकृतिक पदार्थ (केला, गुड़ या चीनी, गाय के घी, शहद और इलायची) को मिलाकर बनाया जाता है. पहली बार तमिलनाडु के किसी मंदिर के प्रसाद को जीआई टैग दिया गया है.

तवलोहपुआन मिजोरम का एक भारी, अत्‍यंत मजबूत एवं उत्‍कृष्‍ट वस्‍त्र हैजो तने हुए धागे, बुनाई और जटिल डिजाइन के लिए जाना जाता है. इसे हाथ से बुना जाता है. मिजो भाषा में तवलोह का मतलब एक ऐसी मजबूत चीज होती है, जिसे पीछे नहीं खींचा जा सकता. मिजो समाज में तवलोहपुआन का विशेष महत्‍व है और इसे पूरे मिजोरम राज्‍य में तैयार किया जाता है. आइजोल और थेनजोल शहर इसके उत्पादन के मुख्य केंद्र हैं.

वहीं मिजोरम का ही मिजोपुआनचेई एक रंगीन मिजो शॉल या वस्‍त्र है, जिसे मिजो वस्‍त्रों में सबसे रंगीन वस्‍त्र माना जाता है. मिजोरम की प्रत्‍येक महिला का यह एक अनिवार्य वस्‍त्र है और यह इस राज्य में एक अत्‍यंत महत्वपूर्ण शादी की पोशाक है. मिजोरम में मनाये जाने वाले उत्‍सव के दौरान होने वाले नृत्‍य और औपचारिक समारोह में आम तौर पर इस पोशाक का ही इस्तेमाल किया जाता है.

You May Like

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

अन्य खबरें