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सिंगल ब्रांड रिटेल कंपनियों के लिए स्थानीय खरीद नियमों में ढील देने पर विचार करेगा DPIIT

नयी दिल्ली : उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्द्धन विभाग (डीपीआईआईटी) प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) वाली एकल ब्रांड खुदरा कंपनियों के लिए स्थानीय खरीद नियमों में और ढील देने के लिए अंशधारकों के साथ विचार-विमर्श करेगा. हालांकि, डीपीआईआईटी के सचिव रमेश अभिषेक ने साफ किया कि अनिवार्य 30 फीसदी स्थानीय खरीद नियम में कोई छूट नहीं […]

नयी दिल्ली : उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्द्धन विभाग (डीपीआईआईटी) प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) वाली एकल ब्रांड खुदरा कंपनियों के लिए स्थानीय खरीद नियमों में और ढील देने के लिए अंशधारकों के साथ विचार-विमर्श करेगा. हालांकि, डीपीआईआईटी के सचिव रमेश अभिषेक ने साफ किया कि अनिवार्य 30 फीसदी स्थानीय खरीद नियम में कोई छूट नहीं दी जायेगी.

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अभिषेक ने कहा कि हम खुदरा विक्रेताओं के लिए खरीद प्रावधानों के अनुपालन को और सरल बनायेंगे. उन्होंने कहा कि इस बारे में अंशधारकों के साथ विचार-विमर्श किया जायेगा कि क्या किया जा सकता है. विभाग अंशधारकों के साथ विचार-विमर्श के बाद इस प्रस्ताव को अंतिम रूप देगा और मंत्रिमंडल की मंजूरी लेगा. पिछले साल कहा गया था कि खुदरा विक्रेता भारत से निर्यात किये गये सामान को 30 फीसदी स्थानीय खरीद के नियम को पूरा करने के लिए दिखा सकते हैं.

खुदरा कारोबारियों को इस बात की अनुमति थी कि वे शुरुआती पांच साल में वैश्विक परिचालन के लिए भारत से खरीदे गये अतिरिक्त सामान को भारत में 30 फीसदी अनिवार्य खरीद के साथ समायोजित किया जा सकता है. एक सूत्र ने कहा कि इस प्रावधान में कुछ बदलाव हो सकता है. रिटेलरों को मौजूदा के पांच साल की तुलना में इसके लिए कुछ अतिरिक्त समय दिया जा सकता है.

सरकार ने 2006 में एक ब्रांड खुदरा क्षेत्र में 51 फीसदी एफडीआई की अनुमति दी थी. जनवरी, 2018 में विदेशी कंपनियों को एकल ब्रांड खुदरा क्षेत्र में 100 फीसदी निवेश की अनुमति दी गयी, जिससे वे भारत में सरकार की मंजूरी के बिना अपनी ‘दुकानें’ खोल सकते हैं.

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