नयी दिल्ली: धोखाधडी वाली निवेश योजनाओं से भोले-भाले निवेशकों को बचने के प्रयासों के तिहत रिजर्व बैंक ने उन कंपनियों की विश्वसनीयता की जांच शुरु कर दी है जिन पर संदेह है कि उन्होंने एनबीएफसी के रुप में लोगों से गलत तरीके से धन जुटाये हैं. कारपोरेट कार्य मंत्रालय ने 34,754 कंपनियों की सूची भेजी […]
नयी दिल्ली: धोखाधडी वाली निवेश योजनाओं से भोले-भाले निवेशकों को बचने के प्रयासों के तिहत रिजर्व बैंक ने उन कंपनियों की विश्वसनीयता की जांच शुरु कर दी है जिन पर संदेह है कि उन्होंने एनबीएफसी के रुप में लोगों से गलत तरीके से धन जुटाये हैं.
कारपोरेट कार्य मंत्रालय ने 34,754 कंपनियों की सूची भेजी है जो गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) के रुप में धन जुटाने को लेकर उसकी जांच के घेरे में हैं. उसके बाद केंद्रीय बैंक ने उक्त कदम उठाया है.
मंत्रालय ने पिछले साल उस समय यह सूची तैयार की थी जब 10,000 करोड रपये का शारदा चिट फंड घोटाला मामला सामने आया था. इस घोटाले में हजारों निवेशक धोखाधडी के शिकार हुए. सूत्रों ने कहा कि रिजर्व बैंक ने इकाइयों का विस्तृत विश्लेषण शुरु कर दिया है. ऐसा समझा जाता है कि ये वे इकाइयां हैं जिन्होंने एनबीएफसी के रुप में पंजीकरण कराये बिना लोगों से धन जुटाये हैं. रिजर्व बैंक ही एनबीएफसी को नियंत्रित करता है.
सूत्रों के अनुसार ऐसी इकाइयों के खिलाफ किसी प्रकार की कार्रवाई शुरु किये जाने से पहले उन्हें अपनी स्थिति स्पष्ट करने का मौका मिलेगा. यह बात सामने आयी है कि 4,102 कंपनियां एनबीएफसी के रुप में रिजर्व बैंक के पास पंजीकृत हैं.
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