रास की कार्यवाही लगातार दूसरे दिन बाधितविपक्ष चर्चा कराने पर अड़ा, सरकार तैयार नहींसभापति ने सरकार के अनुरोधवाले पत्र को ठुकराया एजेंसियां, नयी दिल्लीगाजा क्षेत्र मंे ताजा हिंसा को लेकर चर्चा कराये जाने के मुद्दे पर राज्यसभा में भी गतिरोध बना रहा क्योंकि जहां कांग्रेस सहित विपक्ष इस मुद्दे पर चर्चा कराये जाने को अड़ा हुआ है, वहीं सरकार इसके लिए तैयार नहीं है. हंगामे के कारण भोजनावकाश से पहले सदन की कार्यवाही बार-बार बाधित हुई और बैठक को दो बार के स्थगन के बाद दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया. हंगामा जारी रहने पर कार्यवाही को पूरे दिन के लिए स्थगित कर दिया गया. हंगामे के कारण सदन में प्रश्नकाल भी नहीं चल पाया. इसी बीच, सभापति हामिद अंसारी ने अपनी एक व्यवस्था में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के इस मुद्दे पर चर्चा की अनुमति नहीं देने के अनुरोधवाले पत्र को खारिज कर दिया. हालांकि सदन की कार्यवाही में यह मुद्दा शामिल नहीं है.सरकार का अनुरोधसुषमा ने बुधवार को सदन की कार्यवाही में सूचीबद्ध ‘गाजा क्षेत्र मंे ताजा हिंसा’ पर अल्पकालिक चर्चा को ‘नियमों के तहत अनुमति योग्य नहीं और अवांछनीय’ करार देते हुए सभापति को लिखे पत्र में इस चर्चा को स्वीकृति नहीं देना का अनुरोध किया था. विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद सहित विभिन्न विपक्षी दलों के नेताओं ने सरकार पर इस मुद्दे पर चर्चा से भागने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि संसद में फिलीस्तीन के मुद्दे पर कोई पहली बार चर्चा नहीं हो रही है. कुछ विपक्षी नेताओं ने इस बात की ओर ध्यान दिलाया कि ब्रिक्स सम्मेलन के एक प्रस्ताव पर स्वयं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हस्ताक्षर हैं और इस प्रस्ताव में पश्चिम एशिया में इस्राइली हमले की निंदा की गयी है. विपक्ष के आरोपों को नकारते हुए संसदीय कार्य राज्य मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि सरकार चर्चा से भाग नहीं रही है, लेकिन वह चाहती है कि सदन में रेल बजट पर पहले चर्चा हो जो पिछले कई दिनों से टल रही है.विपक्ष की दलीलसदन की बैठक शुरू होने पर सभापति हामिद अंसारी ने कहा कि गाजा और पश्चिमी तट में अप्रत्याशित हिंसा पर बुधवार की कार्यसूची मंे एक अल्पकालिक चर्चा सूचीबद्ध थी. यह चर्चा शुक्रवार की कार्यवाही में शामिल नहीं की गयी है क्योंकि सदन के नेता अरुण जेटली ने यह चर्चा गुरुवार को नहीं बल्कि और किसी दिन कराने का आग्रह किया है तथा वह चाहते हैं कि पहले रेल बजट पर चर्चा की जाये. इस पर कांग्रेस और विपक्षी दलों के सदस्यों ने नाराजगी जाहिर की. नियमों का हवाला देते हुए कांग्रेस के उप नेता आनंद शर्मा ने कहा कि एक बार जब मुद्दा कार्यवाही में सूचीबद्ध किया जाता है, तो वह सदन की संपत्ति हो जाता है और उसे अगले दिन की कार्यसूची में भी शामिल किया जाना चाहिए. माकपा के सीताराम येचुरी ने शर्मा की बात का समर्थन करते हुए कहा कि एजेंडा से मुद्दे को हटाना संविधान का उल्लंघन होता है. जदयू के शरद यादव ने कहा कि कई भारतीय पश्चिम एशिया में अपनी आजीविका कमा रहे हैं और वहां जो कुछ हो रहा है वह यहां कई लोगों की चिंता का विषय है.
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