नयी दिल्ली : उर्जा के पारंपरिक स्रोत पर निर्भरता को कम करने के लिये रेलवे ने बड़े पैमाने पर सौर उर्जा का दोहने करने का विचार किया है और उसके आगामी बजट की योजना में इसे शामिल किये जाने की संभावना है.
रेल मंत्री सदानंद गौडा संसद में 8 जुलाई को अपना पहला रेल बजट 2014-15 पेश करने जा रहे हैं जिसमें वह सौर उर्जा उत्पादन के लिए फोटो वोलटैक सेल आधारित सोलर ग्रिड स्थापित करने संबंधी रुपरेखा बता सकते हैं. रेल मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि रेलवे में अपारंपरिक उर्जा को बढावा देना नरेन्द्र मोदी सरकार का मुख्य एजेंडा है और यह नई राजग सरकार के पहले रेल बजट में दिखेगा.
सौर उर्जा परियोजनाओं को गति देने के अलावा रेल बजट में एलएनजी और इथेनाल आधारित डीजल इंजन से संबंधित योजना की रुपरेखा पेश किये जाने की संभावना है क्योंकि इसमें रेल के लिए वैकल्पिक इंर्धन विकास करने पर ध्यान दिया जा रहा है.
योजना के अनुसार, देशभर में रेलवे प्लेटफार्म की छत, इमारत, कालोनी, वर्कशाप और बंजर जमीन का उपयोग सौर उर्जा उत्पादन के लिए किया जायेगा. अभी रेलवे का ईंधन के मद में वार्षिक बिल 28 हजार करोड़ रुपये है जिसमें बिजली के मद में व्यय 10 हजार करोड़ रुपये है.
अधिकारी ने कहा, हमारा उद्देश्य ईंधन के मद में उच्च व्यय को ध्यान में रखते हुए इसे कम करने के लिए वैकल्पिक व्यवस्था करने और इस दिशा में महत्वपूर्ण सौर परियोजना पेश करने की दिशा में गंभीर प्रयास करना शामिल है.
ताजा राजकोषीय स्थिति के अनुसार, रेलवे का करीब 30.3 प्रतिशत राजस्व व्यय ईंधन के मद में होता है जिसमें से 20.5 प्रतिशत डीजल और 9.8 प्रतिशत बिजली के मद में व्यय शामिल है. अभी रेल का नेटवर्क 65,436 किलोमीटर लम्बा है जिसमें से 24,891 किलोमीटर का विद्युतीकरण हुआ है. शेष मार्ग के विद्युतीकरण का काम किया जा रहा है.
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