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एक्सपर्ट व्यू : पीछे का हिस्सा दिखाने वाला दर्पण आगे का रास्ता नहीं दर्शाता

आशिष शंकर, हेड, इन्वेस्टेमेंट एडवाइजरी, एमओ प्राइवेट वेल्थ मैनेजमेंट ‘फैंटेसी प्रीमियर लीग’ फुटबॉल मैनेजर स्पर्धा है जिसमें लगभग विश्वभर के 50 लाख से अधिक मैनेजर इंग्लिश प्रीमियर लीग के फुटबॉल खिलाड़ियों से श्रेष्ठ ड्रीम टीम चुनने का प्रयास कर स्पर्धा करते हैं. हर सप्ताह मैनेजरों को उनकी टीम से एक ट्रांसफर की अनुमति दी जाती […]

आशिष शंकर, हेड, इन्वेस्टेमेंट एडवाइजरी, एमओ प्राइवेट वेल्थ मैनेजमेंट
‘फैंटेसी प्रीमियर लीग’ फुटबॉल मैनेजर स्पर्धा है जिसमें लगभग विश्वभर के 50 लाख से अधिक मैनेजर इंग्लिश प्रीमियर लीग के फुटबॉल खिलाड़ियों से श्रेष्ठ ड्रीम टीम चुनने का प्रयास कर स्पर्धा करते हैं. हर सप्ताह मैनेजरों को उनकी टीम से एक ट्रांसफर की अनुमति दी जाती है. सामान्यत: मैनेजरों द्वारा सर्वाधिक मांगवाला खिलाड़ी वह होता है, जिसने पहले सप्ताह में काफी प्वाइंट स्कोर किया है.
यह पहले समझदारीपूर्ण लगता है, लेकिन शीघ्र ही महसूस होता है कि नया खरीदा गया खिलाड़ी आनेवाले हफ्ते में उसी तरह से अधिक पाइंट अर्जित नहीं पाया. यही बर्ताव आमतौर पर अधिकांश निवेशकों में भी दिखायी देता है. इस व्यवहार को ‘हिन्ड साइट इंवेस्टिंग’ (मृग दृष्टि निवेश) के रूप में जाना जाता है. मैनेजरों की तरह निवेशकों में भी ऐसे स्टॉक या फंड खरीदने की प्रवृत्ति होती है जिसने हाल में शानदार वृद्धि दिखायी है. प्राय: निवेशक इस पर विचार नहीं करते कि स्टॉक या स्कीम निकट भविष्य में भी उसी तरह की शानदार वृद्धि नहीं दिखा सकते.
आंकड़े दर्शाते हैं कि संस्थागत निवेशक ऐसे फंड्स या उत्साही मैनेजर्स को बेच देते हैं, जिसने दो-तीन वर्ष की अवधि में बाजार में अच्छा प्रदर्शन नहीं किया है तथा उसके बदले हाल में अच्छा प्रदर्शन करने वाले फंड्स या मैनेजर्स को ले लेते हैं. अध्ययनों द्वारा इस व्यवहार में कमी बताये जाने के बावजूद लोगों में यह प्रवृत्ति बढ़ रही है और लाभप्रद होने के बजाए नुकसान हो रहा है.
हाल में अनुकूल परिणाम व बेहतर प्रदर्शन करने वाला मैनेजर कमतर प्रदर्शन करने वाले मैनेजर की तुलना में बेहतर उम्मीदवार होता है. पूर्व मानकों की तुलना में बेहतर प्रदर्शन करनेवाले मैनेजर के वर्तमान संबंधित मूल्यांकन को ध्यान में रखते हुए यह कहना उचित है कि डिस्क्लेमर ‘पूर्व प्रदर्शन भावी परिणामों की गारंटी नहीं है’ के बावजूद पूर्व प्रदर्शन ही निवेश की आम पद्धति बनी हुई है.
आंकड़े दर्शाते हैं कि पूर्व प्रदर्शन को ध्यान में रखने वाली मानसिकता के कारण हुए नुकसान की प्राय: अनदेखी कर दी जाती है. लेकिन वारेन बफेट के कहने के अनुसार, यदि मुद्रा का खेल खेलने के लिए पूर्व इतिहास सब कुछ है, तो सबसे धनवान व्यक्ति लाइब्रेरियन होता. हमने इस रिसर्च को प्रमाणित कर इसका अनुमान लगाया है. हमारा अध्ययन बताता है कि पुराने आंकड़े के आधार पर उचित निर्णय प्राप्त करने की संभावना सीमित है. हाल के कुछ उदाहरणों से यह स्पष्ट भी होता है.
हमने रिसर्च के लिए 17 वर्ष के आंकड़े लिये और पूर्व निर्धारित समयावधि में करने वाले प्रदर्शन के आधार पर फंडों का रैंकिंग किया.
हमने पाया कि एक वर्ष की अवधि में 36% फंड ने बेहतर प्रदर्शन किया लेकिन उसमें से 64% अपनी पोजिशन बरकरार नहीं रख सकें. इसी तरह 3 वर्ष की अवधि में 68% फंड अपनी पोजिशन बरकरार नहीं रख सका. इसलिए पूर्वानुमान के बदले यह देखना महत्वपूर्ण है कि फंडों या अन्य विकल्पों के भविष्य की संभावनाएं या क्षमता क्या है.

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