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तीन महीने तक महंगी नहीं होगी गैस:धर्मेंद्र प्रधान

नयी दिल्लीः गैस की कीमतों में तीन महीने तक कोई वृद्धि नहीं होगी सरकार ने आज कैबिनेट की बैठक में यह महत्वपूर्ण फैसला लिया. बैठक के बाद पेट्रोलियम मंत्रीधर्मेंद्रप्रधान ने कहा, हमने कैबिनेट की बैठक में यह फैसला लिया है कि इस विषय में सभी पक्षों से बात करेंगे, सभी राज्यों से बात होगी. इस […]

नयी दिल्लीः गैस की कीमतों में तीन महीने तक कोई वृद्धि नहीं होगी सरकार ने आज कैबिनेट की बैठक में यह महत्वपूर्ण फैसला लिया. बैठक के बाद पेट्रोलियम मंत्रीधर्मेंद्रप्रधान ने कहा, हमने कैबिनेट की बैठक में यह फैसला लिया है कि इस विषय में सभी पक्षों से बात करेंगे, सभी राज्यों से बात होगी. इस पर व्यापक विचार विमर्श की आवश्यकता है. हमारा ध्यान मुख्य रुप से जनहित में फैसला लेने पर है.

इस दौरान सरकार कीमतों में वृद्धि के फार्मूले आदि की ‘‘व्यापक समीक्षा ’’ करेगी ताकि विवादास्पद फार्मूला को अधिक स्वीकार्य बनाया जा सके. पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने आज कहा कि मौजूदा 4.2 डालर प्रति इकाई (एमएमबीटीयू) की कीमत सितंबर अंत तक जारी रहेगी. यदि गैस कीमतों में बढोतरी के पूर्ववर्ती संप्रग सरकार के फार्मूले को मंजूरी मिलती है तो गैस के दाम बढकर 8.8 डालर प्रति इकाई हो जाएंगे. गैस कीमतों में बढोतरी 1 जुलाई से लागू होनी थी.चार साल में गैस कीमतों में पहली वृद्धि वैसे तो 1 अप्रैल से प्रभाव में आनी थी, लेकिन आम चुनाव की घोषणा की वजह से इसे तीन महीने के लिए टाल दिया गया था.

प्रधान ने आज आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) की बैठक के बाद संवाददाताओं को बताया, ‘‘सीसीईए ने फैसला किया है कि अभी इस मुद्दे पर व्यापक विचार विमर्श की जरुरत है. फैसला किया है कि सभी अंशधारकों से इस पर विचार विमर्श किया जाएगा और साथ ही यह भी महत्वपूर्ण है कि जनता के हितों का ध्यान रखा जाए.’’ प्रधान शुक्रवार से इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ तीन दौर का विचार विमर्श कर चुके हैं. हालांकि, उन्होंने यह नहीं बताया क्या समीक्षा के लिए नई विशेषज्ञ समिति या मंत्री स्तरीय समूह का गठन होगा.

विचार विमर्श के दौर के दौरान यह स्पष्ट हो गया कि सरकार इस फामरूला में कुछ बदलाव किए जाने के पक्ष में है. सी रंगराजन समिति ने जो मूल्य फामरूला सुझाया है उससे बिजली की दरों में 2 रुपये प्रति यूनिट तथा सीएनजी की दरों में 12 रुपये प्रति किलोग्राम का इजाफा होगा. साथ ही सरकार का उर्वरक सब्सिडी का बोझ भी बढेगा.

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा था कि प्रधानमंत्री कार्यालय और पेट्रोलियम मंत्रालय द्वारा समीक्षा तंत्र पर फैसला किया जाएगा.कैबिनेट के फैसलों की पत्रकारों को जानकारी देते समय प्रधान या विधि मंत्री रवि शंकर प्रसाद दोनों ने यह नहीं बताया कि क्या नए फार्मूले पर विचार किया जाएगा या फिर रंगराजन फार्मूला में संशोधन होगा जिससे दरों को स्वीकार्य स्तर पर लाया जा सके.

प्रसाद ने कहा, ‘‘जनहित व सभी अंशधारकों के हितों के मद्देनजर इस मामले पर गहन विचार विमर्श की जरुरत है. सरकार को इस पर फैसले के लिए कुछ समय दिया जाना चाहिए.’’ मूल्यवृद्धि पर फैसला टलना गैस उत्पादकों रिलायंस इंडस्टरीज और उसके भागीदारो ब्रिटेन की बीपी पीएलसी के लिए झटका है. गैस उत्पादन कंपनियों का कहना है कि मौजूदा दरों पर गहरे समुद्र में नए क्षेत्रों का विकास आर्थिक दृष्टि से व्यावहारिक नहीं होगा. रिलायंस इंडस्टरीज व बीपी ने गैस कीमतों में संशोधन में देरी के लिए पहले ही सरकार को पंचाट नोटिस भेजा हुआ है. इनके केजी-डी6 क्षेत्र की गैस कीमतों में 1 अप्रैल से संशोधन होना था. पुरानी 4.2 डालर प्रति इकाई की दरों की वैधता 31 मार्च को समाप्त हो गई है. सरकार अभी पंच निर्णय की प्रक्रिया में शामिल नहीं हुई है, क्योंकि नोटिस अभी 90 दिन की अवधि में है जिस दौरान मामले को सुलझाने के लिए सुलह सफाई की प्रक्रिया का सहारा लिया जा सकता है.

पेट्रोलियम मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि पंचाट नोटिस का जवाब तैयार किया जा रहा है और इसे रिलायंस इंडस्टरीज बीपी को भेजा जाएगा.

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