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वित्त मंत्री गोयल का पाठ : सख्त रुख अख्तियार करने से बचें टैक्स ऑफिसर और टैक्स भरने में कारोबारी बरतें ईमानदारी

नयी दिल्ली : वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने शुक्रवार को टैक्स ऑफिसरों से कामकाज में अतिउत्साही अथवा कड़ा रुख अपनाने से बचने की नसीहत दी है. इसके साथ ही उन्होंने उद्योग जगत और कारोबारियों से टैक्स का भुगतान करने में ईमानदारी बरतने की भी बात कही है. अंतरराष्ट्रीय सीमा शुल्क दिवस के मौके पर केंद्रीय […]

नयी दिल्ली : वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने शुक्रवार को टैक्स ऑफिसरों से कामकाज में अतिउत्साही अथवा कड़ा रुख अपनाने से बचने की नसीहत दी है. इसके साथ ही उन्होंने उद्योग जगत और कारोबारियों से टैक्स का भुगतान करने में ईमानदारी बरतने की भी बात कही है. अंतरराष्ट्रीय सीमा शुल्क दिवस के मौके पर केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीआईसी) के ऑफिसरों को संबोधित करते हुए गोयल ने उनसे विभिन्न संबंधित पक्षों की प्रतिक्रिया जानने को कहा है, ताकि कर विभाग को करदाताओं के प्रति अधिक अनुकूल बनाने के लिए आवश्यक कदमों की जानकारी मिल सके.

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गोयल को इसी सप्ताह वित्त मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है. उन्होंने टैक्स ऑफिसरों से करदाता के प्रति अनुकूल रवैया अपनाते हुए बेहद सतर्कता के साथ उन पर भरोसा करने की बात कही है. उन्होंने कहा कि आखिरकार हम यहां अपना काम करने के लिए आये हैं. हम यहां यह तय करने के लिए हैं कि वाजिब तौर पर वसूले जाने वाले टैक्स का नुकसान नहीं हो. ऐसा राजस्व जो गरीबों की मदद, बुनियादी संरचना के विकास तथा सीमा सुरक्षा में लगने वाले सरकारी राजस्व में उपयोग में लाया जाता है.

गोयल ने कहा कि सरकार ने पिछले कुछ साल में कर विभाग को करदाताओं के अनुकूल बनाने का ईमानदार प्रयास किया है और लगातार कर की दरों को कम करने एवं अनुपालन को आसान बनाने की दिशा में काम किया है. उन्होंने कहा कि इस अवस्था में मैं कारोबार जगत से अपील कर सकता हूं कि यह ईमानदारी से कारोबार करने का समय है. ऊंची दर पर कर, ऊंचे आयात शुल्क वाले और अधिक प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष कर वाले दिन अब चले गये, जिससे लोगों को कर से बचने के रास्ते खोजने की जरूरत पड़ती थी.

उन्होंने कहा कि कुछ लोगों के कदमों से एक बड़े वर्ग के प्रति द्वेष पैदा होता है. उन्होंने कहा कि हर कारोबारी कर चोरी नहीं करते. गोयल ने कहा कि सत्ता में बैठे सरकारी अधिकारी या लोग सभी गलत करने में लिप्त नहीं होते हैं. कुछ लोग गलत करते हैं, जिससे समाज में यह आम सोच बनती है कि चीजें ठीक नहीं हो रहीं हैं.

उन्होंने कहा कि आम तौर पर अतिउत्साह में आकर हम कठोर हो जाते हैं, जिससे लोगों विशेषकर ईमानदार करदाताओं के बीच उन्हें पीड़ा पहुंचाए जाने की भावना पैदा होती है. इसी तरह जब लोग विभिन्न सरकारी विभागों के प्रशासन की बात करते हैं. यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि सभी के बारे में एक ही तरह की बातें की जाती हैं.

गोयल ने टैक्स ऑफिसरों को सामूहिक तौर पर जिम्मेदार बनने के लिए कहा. उन्होंने कहा कि हममें से हर एक के ऊपर 80 हजार ऑफिसरों की जिम्मेदारी है. हम सभी को यह जानना चाहिए कि हमारे कदम का असर 79,999 सहकर्मियों की छवि पर पड़ता है.

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