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सेबी ने 105 कंपनियों के खिलाफ की कार्रवाई

मुंबई: बाजार नियामक सेबी ने न्यूनतम सार्वजनिक भागीदारी नियमों का अनुपालन करने में विफल रही 100 से अधिक कंपनियों के खिलाफ आज कार्रवाई की. इसके तहत इन कंपनियों के प्रवर्तकों के वोटिंग अधिकार तथा कारपोरेट लाभ रोक दिए गये हैं और साथ ही उन्हें सूचीबद्ध कंपनी के निदेशक मंडल में कोई नया पद ग्रहण करने […]

मुंबई: बाजार नियामक सेबी ने न्यूनतम सार्वजनिक भागीदारी नियमों का अनुपालन करने में विफल रही 100 से अधिक कंपनियों के खिलाफ आज कार्रवाई की. इसके तहत इन कंपनियों के प्रवर्तकों के वोटिंग अधिकार तथा कारपोरेट लाभ रोक दिए गये हैं और साथ ही उन्हें सूचीबद्ध कंपनी के निदेशक मंडल में कोई नया पद ग्रहण करने पर भी रोक लगाई गई है.

इसके अलावा अनुपालन करने में विफल रही कंपनियों के निदेशक भी सूचीबद्ध फर्मों के बोर्ड में उस समय तक नया पद ग्रहण नहीं कर सकेंगे जब तक कि वे न्यूनतम अंशधारिता नियमों का पालन नहीं करेंगी. भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड सेबी ने इस बारे में 13 पेज का एक आदेश आज देर रात जारी किया. इसमें नियमों का अनुपालन नहीं करने वाली कंपनियों के खिलाफ अर्थदंड सहित अन्य कदमों की चेतावनी दी गई है.

सेबी ने कहा है कि कुल 105 कंपनियां तय समय में नियमों का पालन नहीं कर पाई हैं. इनमें से 72 कंपनियों के शेयरों में शेयर बाजार में सक्रिय कारोबार होता है जबकि 33 अन्य के शेयरों को विभिन्न कारणों के कारण निलंबित किया जा चुका है.

जिन कंपनियों के प्रवर्तकों व निदेशकों के खिलाफ सेबी के नियम तुरंत प्रभावी हो गये उनमें अदाणी पोटर्स, बीजीआर एनर्जी सिस्टम्स, एस्सार पोर्ट्स, ओमेक्स, प्लेथिको फार्मास्युटिकल्स तथा टाटा टेलीसर्विसेज हैं. उल्लेखनीय है कि निजी क्षेत्र की सूचीबद्ध कंपनियों के लिए न्यूनतम सार्वजनिक अंशधारिता नियम के पालन के लिए कल अंतिम तारीख थी.

सेबी के न्यूनतम सार्वजनिक अंशधारिता नियमों के मुताबिक, निजी क्षेत्र की सभी सूचीबद्ध कंपनियों को 3 जून, 2013 तक 25 प्रतिशत या अधिक सार्वजनिक अंशधारिता हासिल करनी थी.

Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.

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