नयी दिल्ली: समाजवादी पार्टी (सपा) और भाकपा ने आज कहा कि सरकार को दूरसंचार कंपनी वोडाफोन के इस खुलासे पर अपना रुख स्पष्ट करना चाहिए कि भारत उन 29 देशों में शामिल था जिसने पिछले साल फोन पर होने वाली बातचीत सुनने, टेक्स्ट मेसेज और ई-मेल देखने के लिए उसके नेटवर्क तक अपनी पहुंच होने की मांग की थी.
सपा नेता नरेश अग्रवाल ने यहां कहा, ‘‘कम से कम एक कंपनी ने यह स्वीकार किया है. हम सालों से यह कहते आ रहे हैं. हमने इस मुद्दे को उस वक्त भी उठाया था जब राज्यसभा के तत्कालीन नेता प्रतिपक्ष अरुण जेटली का फोन टैप किया गया था. यदि सरकार ने इसके लिए आदेश नहीं दिया है तो लोगों को इसकी जानकारी मिलनी चाहिए.’’ भाकपा के डी. राजा ने कहा कि वोडाफोन के खुलासे के बाद ‘‘मामले को स्पष्ट रखना’’ भारत सरकार पर निर्भर करता है.
राजा ने कहा, ‘‘…इसे अपनी स्थिति साफ करनी चाहिए..आम लोगों की पहुंच ऐसे क्षेत्रों तक नहीं होती है. वोडाफोन द्वारा लगाए गए आरोपों का सामना सरकार को करना होगा और सब कुछ स्पष्ट करना होगा.’’ बहरहाल, कंपनी ने अपनी विधि प्रवर्तन खुलासा रिपोर्ट में यह नहीं बताया है कि भारत की तरफ से ऐसे ऐसे कितने अनुरोध किए गए. कंपनी ने भारत की तरफ से किए गए अनुरोधों का खुलासा इस वजह से नहीं किया है क्योंकि भारतीय कानून के तहत संचार एवं कॉल रिकॉर्ड करने से जुडे आंकडों का खुलासा नहीं किया जाता है.वोडाफोन ने यह भी नहीं बताया कि उसने भारत सरकार के अनुरोध को माना या नहीं.
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