कोलकाता : रिजर्व बैंक के अधिकारी और कर्मचारियों के संयुक्त मंच (यूएफआरबीओई) ने अपनी मांगों के समर्थन में चार और पांच सितंबर को सामूहिक रूप से आकस्मिक अवकाश पर जाने का आह्वान किया है. इससे केंद्रीय बैंक के साथ-साथ दूसरे बैंकों के कामकाज पर असर पड़ने की आशंका है. इसके साथ ही, बैंक के एटीएम मशीनों में कैश किल्लत पैदा होने की आशंका है.
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यूएफआरबीओई के सदस्य तथा ऑल इंडिया रिजर्व बैंक एंप्लायज एसोसिएशन के महासचिव समीर घोष ने यहां संवाददाताओं से कहा कि संगठन ने चार और पांच सितंबर को सामूहिक आकस्मिक अवकाश पर जाने का आह्वान किया है. इससे केंद्रीय बैंक का कामकाज बाधित होगा. मंच की प्रमुख मांग अंशदायी भविष्य निधि (सीपीएफ) का विकल्प चुनने वालों को पेंशन योजना का लाभ लेने का विकल्प देने तथा 2012 से नियुक्त कर्मचारियों को अतिरिक्त भविष्य निधि लाभ देना शामिल हैं.
यूएफआरबीओई की विज्ञप्ति के अनुसार, अक्टूबर, 2017 में आरबीआई गवर्नर उर्जित पटेल ने औपचारिक रूप से सरकार को पत्र लिखकर कहा था कि केंद्रीय बैंक पेंशन और भविष्य निधि विकल्प में सुधार चाहेगा, लेकिन सरकार ने उसे अनौपचारिक तरीके से खारिज कर दिया.
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