मुंबई : भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने कहा है कि पूर्वांकरा प्रोजेक्ट्स की वाणिज्यिक रीयल एस्टेट योजना सामूहिक निवेश योजना (सीआईएस) की श्रेणी में नहीं आती, क्योंकि इसमें सुनिश्चित रिटर्न की पेशकश कर सामूहिक रुप से धन नहीं जुटाया गया है.
सेबी ने इस प्रस्ताव के बारे में पूर्वांकरा प्रोजेक्ट्स द्वारा पूछे जाने पर यह स्पष्टीकरण दिया है. नियामक ने कहा है कि कंपनी की वाणिज्यिक कार्यालय स्थल की बिक्री की योजना को दो चरणों में पूरा किया जाएगा. सेबी ने कहा कि पहले चरण का लेनदेन पूर्ण रुप से रीयल एस्टेट सौदा होगा जो किसी एक व्यक्ति व डेवलपर के बीच किया जाएगा. दूसरे चरण में अचल संपत्ति की बिक्री सिर्फ पंजीकृत प्रपत्र द्वारा की जाएगी और बिक्री करार से किसी तरह का ब्याज या शुल्क सृजित नहीं होगा.
सेबी ने स्पष्ट किया है कि पूर्वांकरा की वाणिज्यिक रीयल एस्टेट परियोजना को सीआईएस नहीं कहा जा सकता, क्योंकि इसमें सामूहिक रुप से धन नहीं जुटाया जा रहा है और न ही कंपनी किसी रिटर्न का वायदा कर रही है.
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