नयी दिल्ली : शेयर बाजार ने तो नरेंद्र मोदी लहर में जोरदार तेजी दिखायी और नरेंद्र मोदी की पीएम उम्मीदवारी से प्रधानमंत्री बनने तक के सफर में निफ्टी ने 26 फीसदी का जोरदार रिटर्न दिया. लेकिन आइपीओ मार्केट अब भी सुस्त है. बीच में वंडरला का आइपीओ आया, लेकिन उसके बाद से माहौल बिल्कुल ठंडा है. ऐसे में प्राइमरी मार्केट में जान फूंकने के लिए मोदी सरकार क्या कदम उठा सकती है? क्या सेकेंडरी मार्केट के बाद प्राइमरी मार्केट में भी रौनक लौटेगी. क्या आइपीओ बाजार के भी अच्छे दिन आने वाले हैं.
आइपीओ से जुड़ी तमाम बातों को विस्तार से समझा रहे हैं. प्राइम डेटाबेस के एमडी पृथ्वी हल्दिया और एक्सिस कैपिटल के एमडी-हेड ऑफ इंवेस्टमेंट बैंकिंग डॉ एस सुब्रमण्यन पृथ्वी हलिया का कहना है कि आइपीओ में 50 फीसदी एचएनआइ और 50 फीसदी रिटले का एलोकेशन होना चाहिए. वहीं रिटेल सब्सक्रि प्शन ओवरसब्सक्राइब्ड होता है, तो पहला एलॉटमेंट भी रिटेल निवेशकों को मिलने जैसे प्रावधान करने चाहिए.
इसके अलावा पीएसयू कंपनियों के विनिवेश में 100 फीसदी एलोकेशन खुदरा निवेशकों को देना चाहिए. अगर ऐसे कदम सरकार उठाती है, तो निश्चित तौर पर रिटेल निवेशकों हौसले बाजार के प्रति बुलंद होंगे. वहीं आरजीएसएस जैसी स्कीम को बंद कर देना चाहिए. निवेशकों का बाजार का ज्ञान बढ़ाने के लिए इंवेस्टर एजुकेशन पर जोर देना चाहिए. सरकार को ऐसी नीतियां बनानी होंगी जिससे छोटे निवेशकों का भरोसा बाजार के प्रति जागे. वहीं, सरकार को इनसाइडर ट्रेडिंग जैसे मामलों पर सख्ती से कदम उठाना चाहिए. वहीं बाजार में किसी निवेशक के साथ धोखाधड़ी हुई तो उसको हर्जाना देने जैसी सुविधाएं भी मुहैया करानी चाहिए.
डॉ एस सुब्रमण्यन के मुताबिक बाजार का माहौल आगे भी अच्छा रहता है, तो अगले दो महीनों में कई आइपीओ आने की संभावनाएं हैं. नयी सरकार को ऐसी नीतियों को बढ़ावा देना चाहिए जहां रिटेल निवेशकों को भरोसे को बल मिले. ऐसे में लिस्टेड पीएसयू की 100 फीसदी ऑफरिंग केवल रिटेल निवेशकों को देनी चाहिए. वहीं अच्छी गुणवत्ता की कंपनियां आगे आती हैं, उनका आइपीओ आता है तो निवेशकों के लिए यह काफी फायदेमंद होगा. एडेलवाइज ग्रुप के चेयरमैन-सीईओ रसेश शाह का कहना है कि मौजूदा समय में बाजार की स्थिति काफी मजबूत है. वहीं निवेश के लिहाज से भी काफी सकारात्मक माहौल तैयार हो गया है. ऐसे में अगले 8-10 हफ्तों में कई आइपीओ आते नजर आ सकते हैं. वहीं उम्मीद है कि बैंक, इंफ्रा सेक्टर की कंपनियां इस मौके का अच्छा फायदा उठायेंगी, कंपनियां अपना आइपीओ लाकर पूंजी जुटायेंगी.
रिस्क कैपिटल एडवाइजर्स के डी डी शर्मा के मुताबिक बाजार कुछ समय तक और अच्छा बना रहता है. वहीं आर्थिक सुधार के सकारात्मक संकेत दिखाई देते हैं तो आनेवाले समय में कई आइपीओ बाजार में आ सकते हैं. बाजार रु ख बढ़त की ओर बना रहता है तो कई कंपनियों जिनके आइपीओ रु के हुए हैं, वह भी आते नजर आयेंगे.
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