नयी दिल्ली : केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को ग्रामीण डाक सेवकों के मूल वेतन को तीन गुना बढ़ाकर 14,500 रुपये प्रति महीने तक करने की मंजूरी दे दी है. यह वृद्धि एक जनवरी, 2016 से प्रभावी होगी. इन ग्रामीण डाक सेवकों के बकाया वेतन का भुगतान एक जनवरी, 2016 से लेकर कार्यान्वयन तक एक ही किस्त में किया जायेगा. दूरसंचार मंत्री मनोज सिन्हा ने मंत्रिमंडल की बैठक के बाद संवाददाताओं को यह जानकारी दी.
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उन्होंने कहा कि ग्रामीण डाक सेवक (जीडीएस) जिन्हें 2,295 रुपये प्रति महीने वेतन मिल रहा था, उन्हें 10000 रुपये वेतन मिलेगा. इसके साथ ही, जिनका वेतन 2,745 रुपये था, वह 12,000 रुपये हो जायेगा. इसी तरह जिन ग्रामीण सेवकों को 4,115 रुपये मिल रहे थे, उन्हें 14,500 रुपये प्रति महीने वेतन मिलेगा. बैठक की अध्यक्षता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की.
सिन्हा ने कहा कि जीडीएस का वेतन प्रभावी रूप से उनके खर्चों को पूरा करने के लिए पर्याप्त नहीं था और वेतन में वृद्धि के इस फैसले से उनके जीवन में बदलाव आयेगा. वेतन भत्तों में इस बदलाव के लिए वर्ष 2018-19 के दौरान 1257.75 करोड़ रुपये का बोझ आयेगा. इसमें 860.95 करोड़ रुपये के गैर-आवर्ती खर्च तथा 396.80 करोड़ रुपये के आवर्ती खर्च का अनुमान है.
सिन्हा ने कहा कि भारतीय डाक का चेहरा बदल रहा है. हमने पार्सल महानिदेशालय बनाया है. इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक शुरू होने वाला है. आने वाले दिनों में डाक विभाग के अधीन एक अलग बीमा कंपनी आयेगी. जीडीएस हमारे वाहक बनेंगे. इस कदम के तहत जहां जीडीएस के मूल वेतन में लगभग तीन गुना वृद्धि हुई है, लेकिन कुल मिलाकर उनका वेतन औसतन 56 फीसदी बढ़ेगा.
मंत्रिमंडल ने जीडीएस के लिए पहली बार 500 रुपये प्रति माह का जोखिम व कठिनाई भत्ता लागू किया है. देश भर में लगभग 2.6 लाख ग्रामीण डाक सेवक कार्यरत हैं. कमलेश चंद्रा की अगुवाई में गठित समिति की सिफारिशों के कार्यान्वयन को लेकर ग्रामीण डाक सेवक कई दिनों से हड़ताल पर हैं. मंत्री ने इनसे आग्रह किया गया कि केंद्रीय मंत्रिमंडल के फैसले को देखते हुए उन्हें काम पर लौट आना चाहिए.
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