नयी दिल्ली: रिलायंस इंडस्टरीज ने अपने केजी-डी6 बेसिन के गैस खरीदारों से स्पष्ट रुप से कहा है कि नये दाम की जब भी मंजूरी मिलेगी, वह एक अप्रैल से ही लागू होंगे. कंपनी गैस की नई दरों को मंजूरी नहीं मिलने के कारण पुरानी दरों पर ही गैस बेचने को मजबूर है जबकि पुराने दाम की समयावधि काफी पहले समाप्त हो चुकी है.
यूरिया बनाने वाली कंपनियों को एक पन्ने के संक्षिप्त पत्र में रिलायंस इंडस्टरीज (आरआईएल) ने कहा है कि वह एक अप्रैल से 1.25 करोड घन मीटर गैस प्रतिदिन अस्थायी दर 4.205 डालर प्रति 10 लाख ब्रिटिश थर्मल यूनिट (एमएमबीटीयू) पर दे रही है. जब भी सरकार नई दर को मंजूरी देती है, कंपनी एक अप्रैल के बाद उनसे नई और पुरानी दर में जो अंतर होगा, उसे वसूल करेगी.
सरकार ने 2007 में बंगाल की खाडी स्थित केजी-डी6 ब्लॉक से उत्पादित गैस के लिये पहले पांच साल के लिये कीमत 4.205 डालर प्रति एमएमबीटीयू निर्धारित किया था. केजी-डी6 में धीरुभाई-1 तथा 3 तथा एमए फील्ड से गैस उत्पादन अप्रैल 2009 में शुरु हुआ. इसके लिये जिस दाम को मंजूरी मिली थी उसकी समयावधि 31 मार्च 2014 को समाप्त हो गई.
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने पिछले साल देश में उत्पादित सभी तरह की गैस के मूल्य निर्धारण हेतु एक अप्रैल 2014 से नये फामरूले को मंजूरी दे दी थी. इस फामरूले को एक जनवरी को अधिसूचित कर दिया गया और 17 जनवरी के सरकारी परिपत्र में इसे प्रकाशित कर दिया गया.
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