नयी दिल्ली : निवेशकों के 20 हजार करोड़ रुपये लौटाने संबंधी सभी आदेशों को व्यवस्थित तरीके से नजरअंदाज करने के लिए सहारा समूह को फटकार लगाते हुए उच्चतम न्यायालय ने आज इसके प्रमुख सुब्रत रॉय की स्वयं को हिरासत में रखे जाने के खिलाफ दायर की गई याचिका खारिज कर दी और कहा कि उन्हें जेल में रखना वैध है.
सहारा प्रमुख को हिरासत में रखने के आदेश को बरकरार रखते हुए न्यायालय ने समूह से कहा कि वह जमानत लेने के लिए 10 हजार करोड़ रुपये जमा कराने का नया प्रस्ताव तैयार करे. न्यायमूर्ति के एस राधाकृष्णन और न्यायमूर्ति जे एस खेहर की पीठ ने न्यायालय का आदेश न मानने और अवज्ञापूर्ण बर्ताव करने के लिए रॉय और समूह की कडे शब्दों में निंदा की.
राय ने इस याचिका में सेबी के पास निवेशकों का करीब 20 हजार करोड़ रुपये जमा कराने के न्यायिक आदेश का पालन नहीं करने पर उन्हें जेल भेजने के निर्णय को चुनौती दे रखी है. न्यायालय चार मार्च से न्यायिक हिरासत में तिहाड़ जेल में बंद सुब्रत राय और दो निदेशकों की रिहाई के लिए 10 हजार करोड़ रुपये के भुगतान संबंधी सहारा के प्रस्ताव पर भी विचार कर सकता है.
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