नयी दिल्ली : सार्वजनिक क्षेत्र के ओरियंटल बैंक आॅफ काॅमर्स (ओबीसी) का शुद्ध घाटा 31 दिसंबर को समाप्त चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में बढ़कर 1,985.42 करोड़ रुपये पर पहुंच गया. डूबा कर्ज बढ़ने की वजह से बैंक को इसके लिए ऊंचा प्रावधान करना पड़ा है, जिससे उसके घाटे में बढ़ोतरी हुई है. इससे पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में बैंक को 130.01 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा हुआ था.
शेयर बाजारों को भेजी सूचना में बैंक ने कहा है कि उसे समीक्षाधीन तिमाही में गैर निष्पादित आस्तियों (एनपीए) के लिए 2,340.21 करोड़ रुपये का प्रावधान करना पड़ा. यह इससे पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में 1,429.62 करोड़ रुपये था. हालांकि, चालू वित्त वर्ष की सितंबर तिमाही में डूबे कर्ज के लिए बैंक का प्रावधान कहीं ऊंचा यानी 3,146.92 करोड़ रुपये रहा था. तिमाही के दौरान कुल ऋण पर बैंक का सकल एनपीए बढ़कर 16.95 प्रतिशत हो गया, जो इससे पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में 13.80 फीसदी था.
मूल्य के हिसाब से सकल एनपीए 20,492.18 करोड़ रुपये से बढ़कर 27,550.88 करोड़ रुपये पर पहुंच गया. हालांकि, शुद्ध एनपीए घटकर 9.52 फीसदी पर आ गया. इससे पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में यह 9.68 फीसदी था. मूल्य के हिसाब से शुद्ध एनपीए 13,688.09 करोड़ रुपये से बढ़कर 14,195.07 करोड़ रुपये पर पहुंच गया.
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