नयी दिल्लीः देश के सबसे बड़ी दूरसंचार कंपनी एयरटेल को पेट्रोलियम कंपनियों ने करारा झटका दिया है. भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) की आेर से भारती एयरटेल पर कार्रवार्इ किये जाने के कुछ दिन बाद सार्वजनिक क्षेत्र की पेट्रोलियम कंपनियों ने सुनील मित्तल की अगुआई वाली कंपनी को पत्र लिखकर उसके पेमेंट बैंक के खाते में डाली गयी एलपीजी सब्सिडी को वापस स्थानांतरित करने का निर्देश दिया है. देश की सबसे बड़ी मोबाइल आॅपरेटर पर अपने ग्राहकों के पेमेंट बैंक खाते उनकी विधिवत सहमति के बिना खोलने का आरोप है.
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भारती एयरटेल पेमेंट बैंक श्रेणी में भी कारोबार करती है. कंपनी द्वारा कथित रूप अपने मोबाइल ग्राहकों के आधार नंबर के जरिये उनके खाते खोले गये हैं, जिसके इन ग्राहकों के आधार से जुड़े खातों में एलपीजी सब्सिडी पहुंच रही है. रसोई गैस सब्सिडी के इन पेमेंट बैंक खातों में पहुंचने से काफी लोगों को असुविधा हुई है. इनमें से काफी को यह भी नहीं पता है कि उनकी सब्सिडी उनके नियमित बैंक खाते में जाने के बजाय उस खाते में जा रही है, जिसके लिए उन्होंने आवेदन नहीं किया है.
हिंदुस्तान पेट्रोलियम कारपोरेशन लिमिटेड (एचपीसीएल) ने एयरटेल को खत लिखकर निर्देश दिया है कि वे इस सब्सिडी को उपभोक्ता के पहले वाले खाते में या पेट्रोलियम कंपनियों को वापस स्थानांतरित करे. एचपीसीएल ने बयान जारी कर कहा कि पेट्रोलियम मार्केटिंग कंपनियों को पिछले कुछ हफ्तों से लगातार यह शिकायतें मिल रही हैं कि उनकी एलपजी सब्सिडी उनके नियमित खाते में नहीं आ रही है. एयरटेल का मोबाइल फोन कनेक्शन लेने वाले करीब 37.21 लाख उपभोक्ताओं की नवंबर के अंत तक 167.7 करोड़ रुपये की एलपीजी सब्सिडी उनकी विधिवत सहमति के बिना ही एयरटेल पेमेंट बैंक के उनके खातों में डाली गयी है.
यूआईडीएआई ने शनिवार को इस मामले में कार्रवार्इ करते हुए भारती एयरटेल और एयरटेल पेमेंट बैंक को ग्राहकों के सिम सत्यापन की ई-केवाईसी के उपयोग से अस्थायी रूप से रोक दिया है. अधिकारी ने कहा कि नवंबर के अंत तक एयरटेल पेमेंट बैंक के खातों में 167.77 करोड़ रुपये की एलपीजी सब्सिडी डाली गयी. यह कुल 37.21 लाख उपभोक्ताओं से संबंधित है. सरकार सब्सिडी भुगतान में किसी प्रकार की गड़बड़ी को रोकने के लिए इसे सीधे उनके आधार संख्या से जुड़े खाते में स्थानांतरित करती है.
रसोर्इ गैस के कनेक्शनधारकों को साल में अधिकतम 12 एलपीजी सिलेंडरों (14.2 किलोग्राम प्रत्येक) के लिए सब्सिडी दी जाती है. उपरोक्त 167.72 करोड़ रुपये की एलपीजी सब्सिडी में से 88.18 करोड़ रुपये की सब्सिडी इंडियन आॅयल काॅरपोरेशन के 17.32 लाख उपभोक्ताओं के खातों में डाली गयी. वहीं, हिंदुस्तान पेट्रोलियम काॅरपोरेशन के 10.06 लाख उपभोक्ताओं के खातों में 40 करोड़ रुपये की सब्सिडी स्थानांतरित की गयी. भारत पेट्रोलियम काॅरपोरेशन के 9.8 लाख उपभोक्ताओं के खातों में 39.46 करोड़ रुपये की सब्सिडी डाली गयी.
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