नयी दिल्लीः सरकार ने कालेधन पर कार्रवार्इ तेज करते हुए शुक्रवार को कहा कि उसके पास करीब 5,800 ऐसी मुखौटा कंपनियों की सूचनाएं हैं, जिनके खाते में जमाराशि नगण्य थी, मगर नोटबंदी के बाद उनके खातों में करीब 4,574 करोड़ रुपये जमा कराये गये. बाद में इनमें से 4,552 करोड़ रुपये की निकासी भी की गयी.
सरकार ने शुक्रवार को जारी बयान में कहा कि इस साल की शुरुआत में 2,09,032 संदिग्ध कंपनियों का पंजीकरण रद्द किया गया है. इनमें से कुछ कंपनियों के बैंक खातों के नोटबंदी के बाद परिचालन के बारे में 13 बैंकों ने बड़ी सूचनाएं दी हैं. पिछले महीने सरकार ने दो लाख से अधिक कंपनियों के बैंक खातों के परिचालन पर रोक लगा दी थी. सरकार ने कालेधन तथा मुखौटा कंपनियों के खिलाफ कार्रवार्इ में इसे बड़ी सफलता बताते हुए कहा कि पहली खेप में दो लाख से अधिक कंपनियों में से करीब 5,800 कंपनियों के 13,140 बैंक खातों के बारे में जानकारी मिली हैं.
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उसने कहा कि कुछ कंपनियों के नाम पर सौ से भी अधिक बैंक खाते पाये गये हैं. इनमें से एक कंपनी के नाम पर 2,134 बैंक खाते मिले हैं. कुछ कंपनियों के पास 900 और 300 बैंक खाते पाये गये हैं. सरकार ने कहा कि नोटबंदी के बाद बैंक खातों और लेन-देन से संबंधी आंकड़े आश्चर्यजनक हैं. ऋण खातों को अलग करने के बाद इन कंपनियों के पास आठ नवंबर, 2016 को महज 22.05 करोड़ रुपये की राशि थी.
सरकार ने बयान में कहा कि हालांकि नौ नवंबर, 2016 के बाद से अब तक इन कंपनियों ने 4573.87 करोड़ रुपये जमा किये तथा इनमें से 4,552 करोड़ रुपये की निकासी कर ली गयी. उसने आगे कहा कि यह जानना जरूरी है कि ये आंकड़े सरकार द्वारा हटायी गयी संदिग्ध कंपनियों की कुल संख्या का महज 2.5 फीसदी है. इन कंपनियों द्वारा किया गया भारी हेर फेर भ्रष्टाचार, काला धन और गैरकानूनी कार्यों का काफी छोटा हिस्सा है.
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