लखनऊ:लखनऊ के हजरतगंज में आइसीआइसीआइ बैंक के करेंसी चेस्ट में करीब 11 करोड़ रुपये के जाली नोट मिलने से सनसनी है. इस मामले में बैंक के रीजनल हेड (करेंसी ऑपरेशंस यूपी-उत्तराखंड) मनीष पांडे की तरफ से हजरतगंज कोतवाली में एफआइआर दर्ज करायी गयी है. पुलिस ने मामले की जांच क्राइम ब्रांच को सौंप दी है. हजरतगंज पुलिस ने बताया कि करेंसी चेस्ट में नोटों की जांच के दौरान 10 करोड़, 77 लाख, 87 हजार 840 रुपये के कुल 3,02,683 नोट जाली मिले. सीओ दिनेश यादव ने बताया कि ये जाली नोट प्रदेश भर में बैंक की विभिन्न शाखाओं में अलग-अलग समय में जमा कराये गये थे. सीओ ने बताया कि बैंक की किस शाखा से कितने नोट किस दिन जमा कराये गये थे, इसका ब्योरा मांगा गया है.
पुलिस नकली करेंसी जमा करनेवाली बैंक की सभी शाखाओं की सीसीटीवी फुटेज भी हासिल करने की कोशिश कर रही है. पुलिस के मुताबिक इससे जांच में उन लोगों के चेहरे व फोटो मिल जायेंगे, जिन्होंने जाली नोट जमा किये थे. वैसे तो बैंक शाखाओं में भी नकली नोट जांचने का सिस्टम है, लेकिन दोहरी सुरक्षा के लिए चेस्ट में रखे नोटों की भी नियमित रूप से जांच करायी जाती है. अगर बैंक शाखा में जल्दबाजी में कोई नकली नोट जमा भी हो जाता है तो करेंसी चेस्ट की जांच में नहीं बच पाता. एक-एक नोट की बारीकी से जांच करायी जाती है. चूंकि, चेस्ट में नोटों को व्यवस्थित तरीके से रखा जाता है, इसलिए यह पता लगाना मुश्किल नहीं होता कि कौन-सा नोट, किस दिन, किस शाखा में जमा हुआ था. पुलिस सूत्रों का कहना है कि इसमें 1000 और 500 रुपये के नोटों की संख्या सबसे अधिक है. हालांकि, पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर कर लिया है और इस मामले की जांच क्राइम ब्रांच को सौंपी गयी है.
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