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पीएम मोदी ने की मूडीज जैसी ब्रिक्स रेटिंग एजेंसी खड़ा करने की वकालत

नयी दिल्लीः ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग लेने गये प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पश्चिमी देशों की रेटिंग एजेंसी मूडीज के बजाय ब्रिक्स देशों के लिए अलग से रेटिंग एजेंसी बनाने की वकालत की है. पीएम ने विकासशील देशों और कॉरपोरेट निकायों की वित्तीय जरूरतों को पूरा करने के लिए एक ब्रिक्स क्रेडिट रेटिंग एजेंसी बनाने […]

नयी दिल्लीः ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग लेने गये प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पश्चिमी देशों की रेटिंग एजेंसी मूडीज के बजाय ब्रिक्स देशों के लिए अलग से रेटिंग एजेंसी बनाने की वकालत की है. पीएम ने विकासशील देशों और कॉरपोरेट निकायों की वित्तीय जरूरतों को पूरा करने के लिए एक ब्रिक्स क्रेडिट रेटिंग एजेंसी बनाने का सुझाव दिया है. उन्होंने कहा कि एक अलग रेटिंग एजेंसी सदस्य देशों की अर्थव्यवस्थाओं के साथ अन्य विकासशील देशों की भी मदद करेगी.

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प्रधानमंत्री मोदी ने कहा तीन रेटिंग एजेंसियों का सम्प्रभुत्व बाजार पर 90 फीसदी से ज्यादा है. पिछले साल गोवा में हुए ब्रिक्स सम्मेलन में भी पीएम मोदी ने कहा था कि वैश्विक वित्तीय ढांचे में बढ़ रहे अंतर को कम करने के लिए हमें ब्रिक्स रेटिंग एजेंसी बनाने की जरूरत है.

भारत लंबे समय से पश्चिमी रेटिंग एजेंसियों की आलोचना करता रहा है. इस साल मई में भारत के मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमण्यन ने भारत सरकार की इच्छा के बारे में बताया था. उन्होंने कहा था कि वेस्टर्न रेटिंग एजेंसी भारत के प्रति उदार नहीं है. ब्रिक्स समूह में भारत के अलावा ब्राजील, रूस, चीन और दक्षिण अफ्रीका शामिल हैं. ब्रिक्स रेटिंग एजेंसी के जल्द गठन की बात करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हमारे केंद्रीय बैंकों को निश्चित तौर पर अपनी क्षमता बढ़ानी होगी तथा आकस्मिक विदेशी मुद्रा कोष व्यवस्था और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के बीच सहयोग को बढ़ावा देना होगा.

प्रधानमंत्री मोदी की तरफ से इस मांग को पुरजोर ढंग से उठाये जाने के पीछे एक खास कारण बताया जा रहा है. खबरें हैं कि यूएस की रेटिंग एजेंसी फिच ने भारत की रेटिंग ‘BBB-‘ तय की है. भारत को 10 साल पहले यह रेटिंग मिली थी. एजेंसी ने भारत की रेटिंग में देश का आर्थिक आधार मजबूत होने के बाद भी कोई सुधार नहीं किया. वहीं, चीन की रेटिंग ‘AA-‘ कर दी गयी है, जबकि उसका कोई कारण नजर नहीं आता है.

पिछले दिनों जब यूएस की एक अन्य रेटिंग एजेंसी मूडी ने चीन की रेटिंग में गिरावट की तो चीन भी इन एजेंसियों के विरोध में आ गया. चीन ने एक अधिकारिक बयान में कहा था कि बेढंगे तरीके अपनाकर चीन की रेटिंग में बदलाव किया गया है. रूस, ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका भी इसके खिलाफ आवाज उठा चुके हैं.

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