मुंबई : तेल एवं प्राकृतिक के कारोबार में लगी कंपनी एस्सार ऑयल ने भारत में अपनी सम्पत्तियों को रुस की सरकारी कंपनी रोसनेफ्ट की अगुवाई वाले कंपनियों के कंसोसर्यिम (गठबंधन) को 12.9 अरब डॉलर लगभग 83 हजार करोड़ रुपये में बेचने का सौदा आज पक्का कर लिए जाने की घोषणा की. इसकी प्रारंभिक घोषणा पिछले […]
मुंबई : तेल एवं प्राकृतिक के कारोबार में लगी कंपनी एस्सार ऑयल ने भारत में अपनी सम्पत्तियों को रुस की सरकारी कंपनी रोसनेफ्ट की अगुवाई वाले कंपनियों के कंसोसर्यिम (गठबंधन) को 12.9 अरब डॉलर लगभग 83 हजार करोड़ रुपये में बेचने का सौदा आज पक्का कर लिए जाने की घोषणा की.
इसकी प्रारंभिक घोषणा पिछले साल गोवा में हुए ब्रिक्स सम्मेलन के दौरान 15 अक्टूबर को की गयी थी. इस सौदे को तय करने में देरी की वजह यह थी कि एस्सार आयल को कर्ज देने वाले बैंकों आदि ने कंपनी पर अपने 45 हजार करोड रुपये से अधिक के बकाया ऋणों को चुकता किए जान की मांग रख दी थी. एस्सार ऑयल और रोसनेफ्ट का यह सौदा देश में अब तक हुआ सबसे बडा प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) है तथा रूस का विदेश में किया गया सबसे बडा निवेश भी है.
रोसनेफ्ट की अगुआई वाले समूह में ऑयल बिडको और त्राफिगुरा-यूसीपी शामिल हैं. इस सौदे में एस्सार ऑयल का गुजरात के वाडिनार स्थित सालान दो करोड टन क्षमता का पेट्रोलियम परिशोधन संयंत्र, उसके साथ जुडा विद्युत संयंत्र तथा बंदरगाह और खुदरा कारोबार कर रहे 3500 से अधिक पेट्रोल पंप शामिल हैं.कंपनी के निदेशक प्रशांत रईया ने कहा कि कंपनी एसबीआई, आईसीआईसीआई बैंक, एक्सिस बैंक, आईडीबीआई बैंक तथा स्टैण्डर्ड चार्टर्ड समेत अन्य कर्जदाताओं को 70 हजार करोड रूपये का भुगतान करेगी. इससे कंपनी पर कर्ज का बोझ 60 प्रतिशत से अधिक घट जाएगा.
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