नयी दिल्लीः आयकर विभाग अब कंपनियों की ऑडिट रिपोर्ट और उनके आयकर रिटर्न की कुछ विशेष सूचनाओं तथा पैन के आंकड़ों को काॅरपोरेट मामलों के मंत्रालय के साथ साझा करेगा. इसके पीछे सरकार का इरादा मुखौटा कंपनियों को घेरने का है. काॅरपोरेट मामलों के मंत्रालय ने मुखौटा कंपनियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करते हुए पिछले दो वित्त वर्षों का वित्तीय लेखा नहीं देने के लिए 1.62 लाख कंपनियों का पंजीकरण पहले ही रद्द कर दिया है.
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केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ने आयकर के प्रधान महानिदेशक को एमसीए को सूचनाएं देने का निर्देश दिया है. इन सूचनाओं के तहत कंपनियों का पैन नंबर, उनका आयकर रिटर्न, ऑडिट रिपोर्ट और बैंकों से प्राप्त वित्तीय लेनदेन का ब्योरा साझा किया जायेगा. इसके साथ ही, कर विभाग पैन चालान आइडेंटिफिकेशन नंबर और पैन डायरेक्टर आइडेंटिफिकेशन नंबर भी मंत्रालय के साथ साझा करेगा.
कंपनी रजिस्ट्रार ने 12 जुलाई, 2017 तक कंपनी कानून, 2013 की धारा 248 के तहत 1,62,618 कंपनियों का पंजीकरण रद्द कर दिया है. धारा 248 के तहत कंपनी रजिस्ट्रार को किसी कंपनी का नाम रजिस्टर से हटाने का अधिकार होता है. इनमें से 33,000 कंपनियों का नाम रजिस्टर से मुंबई के कंपनी रजिस्ट्रार ने हटाया है. दिल्ली के कंपनी रजिस्ट्रार ने 22,863 कंपनियों तथा हैदराबाद के रजिस्ट्रार ने 20,588 कंपनियों का पंजीकरण रद्द किया है.
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