मुंबई : रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन ने आज बाजार को चौंकाने वाला कोई कदम नहीं उठाया और खुदरा मुद्रास्फीति के उच्चस्तर पर बने रहने के कारण उन्होंने उम्मीद के अनुरुप बैंक की अल्पकालिक ऋण दर रेपो में कोई बदलाव नहीं किया. हालांकि, बैंकिंग तंत्र में नकदी प्रवाह बढ़ाने और मुद्रा बाजार में उतार चढ़ाव को नियंत्रित करने के लिये कई कदम उठाये हैं.
रिजर्व बैंक ने अब हर दो महीने में मौद्रिक नीति की समीक्षा का सिलसिला शुरु किया है. राजन ने आज पहली द्वैमासिक मौद्रिक नीति जारी की गई. इसमें अल्पकालिक नीतिगत दर यानी रेपो को 8 प्रतिशत पर और बैंकों का नकद आरक्षित अनुपात 4 प्रतिशत पर स्थिर रखा गया है.
लेकिन केंद्रीय बैंक ने काल मनी दर को घटाकर 0.25 प्रतिशत कर दिया है जबकि 7 दिन और 14 दिन की रेपो सीमा को 0.50 प्रतिशत से बढ़ाकर 0.75 प्रतिशत कर दिया है. गवर्नर रघुराम राजन ने कहा, मौजूदा स्थिति में नीतिगत दरों को यथावत रखना उचित होगा. सितंबर 2013 और जनवरी 2014 में दरों में की गई वृद्धि को अर्थव्यवस्था में अपना काम करने दिया जाना चाहिये. राजन ने इससे पहले मौद्रिक समीक्षा में दरों को बढ़ाकर बाजार को चौंका दिया था.
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