नयी दिल्लीः जीएसटी परिषद ने नयी कर व्यवस्था को लागू करने की कवायद और तेज कर दी है. उसने दूरसंचार, बैंकिंग और निर्यात जैसे विभिन्न क्षेत्रों की चिंताओं आैर आशंकाआें को दूर करने के लिए परिषद ने 18 अलग-अलग समूह बनाये हैं, जो उनसे विचार-विमर्श करेंगे. इस विचार-विमर्श के बाद उनकी समस्याओं का निदान किया जायेगा. ये समूह इन क्षेत्रों के मुद्दों का समयबद्ध तरीके से समाधान करेंगे, ताकि अप्रत्यक्ष क्षेत्र की नयी व्यवस्था जीएसटी को आसानी से लागू किया जा सके. इन समूहों में केंद्र और राज्यों के वरिष्ठ अधिकारियों को शामिल किया गया है. ये अधिकारी व्यापार और उद्योग जगत संघों, संस्थाओं से मिले ज्ञापनों का परीक्षण करेंगे और फिर उनसे बातचीत करेंगे.बताया जा रहा है कि परिषद की आेर से बनाये गये ये समूह उद्योगों के विभिन्न क्षेत्रों की उन खास मुद्दों को भी सामने रखेंगे, जिन पर गौर किया जाना है. इसके साथ ही वे क्षेत्र विशेष के हिसाब से मसौदा दिशा-निर्देश भी तैयार करेंगे.
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समूहों में शामिल किये गये हैं केंद्र आैर राज्यों के वरिष्ठ अधिकारी
वित्त मंत्रालय की आेर से कहा गया है कि अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व करने वाले 18 क्षेत्रीय समूहों में केंद्र और राज्यों के वरिष्ठ अधिकारियों को शामिल किया गया है. इन समूहों का गठन उद्योग के विभिन्न क्षेत्र की समस्याओं का समय पर निदान करने की पहल होगी, ताकि जीएसटी व्यवस्था को आसानी से अपनाया जा सकेगा. ये समूह जिन अन्य क्षेत्रों की समस्याओं पर गौर करेंगे, उनमें आर्इटी और आर्इटी संबद्ध क्षेत्र, कपड़ा, रत्न एवं आभूषण, खाद्य प्रसंस्करण, इलेक्ट्रॉनिक-वाणिज्य, तेल एवं गैस, औषधि और एमएसएमर्इ क्षेत्रों को भी देखा जायेगा. समूह विशेष में शामिल अधिकारी उन क्षेत्र के मुद्दों को ही देखेंगे, जिनका वह प्रतिनिधित्व करते हैं. वक्तव्य में कहा गया है कि इन समूहों के गठन और विभिन्न मुद्दों पर विचार-विमर्श और चर्चा से ज्यादातर समस्याओं का हल निकाला जा सकेगा.
जीएसटी में तय की गयी 18 फीसदी की दर को लेकर चिंतित है कपड़ा उद्योग
कपड़ा उद्योग सरकार के मानव निर्मित रेशे पर 18 प्रतिशत जीएसटी लगाने के फैसले से चिंतित है. उद्योग का मानना है कि इससे सिंथेटिक धागा बनाने वाली कंपनियों का मार्जिन प्रभावित होगा. इसके साथ ही रोजगार में कटौती भी होगी. उद्योग बुनाई, कटाई और पैकेजिंग जैसे रोजगार पर पड़ने वाले असर को लेकर परेशान है. उसे आशंका है कि इससे छोटी इकाइयां बुरी तरह प्रभावित हो सकती हैं. एक जुलाई से लागू होने वाली जीएसटी व्यवस्था में मानव निर्मित रेशे से बने कपड़े तथा धागा के साथ रंगाई एवं छपाई इकइयाें तथा एम्ब्रॉयडरी सामानों पर 18 प्रतिशत की दर से कर लगेगा. इससे कच्चे माल की लागत में वृद्धि होगी.
संशोधन को लेकर कल होगी जीएसटी परिषद की बैठक
जीएसटी परिषद की रविवार को बैठक होगी. बैठक में उन कुछ दरों की समीक्षा की जायेगी, जिसको लेकर उद्योग ने अप्रसन्नता जतायी है. इसके अलावा मसौदा नियमों में संशोधन पर भी चर्चा होगी. वित्त मंत्री की अध्यक्षता वाली परिषद की सितंबर 2016 में गठन के बाद यह 16वीं बैठक है. बैठक के एजेंडे में तीन जून को हुई जीएसटी परिषद की 15वीं बैठक के ब्योरे की पुष्टि, जीएसटी के मसौदा नियमों में संशोधन तथा विभिन्न व्यापार उद्योग तथा उनके संगठनों से मिले अनुरोध के आधार पर जरूरत होने पर दर समायोजन को मंजूरी शामिल है.
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