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नरेंद्र पाठक
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Opinion
वैचारिक समन्वय के पक्षधर थे मधु लिमये
डॉ लोहिया अपने राजनीतिक प्रयोग में वामपंथ को शामिल किये होते और डॉ आंबेडकर का असमय निधन न हुआ होता, तो स्वतंत्रता और समता का आश्वासन देने वाली समाजवादी व्यवस्था के निर्माण की मजबूत आधार भूमि तैयार हो गयी होती.