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दीपक दुआ
फिल्म समीक्षक
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Bollywood
सिनेमाई गलियों में मिर्जा गालिब, जानें उनके बारे में कुछ रोचक बातें
आखिरी मुगल बादशाह बहादुर शाह जफर के दरबारी कवि रहे मिर्जा असदुल्लाह बेग खां ‘गालिब’ (1797-1869) को भारत में ही नहीं, बल्कि दुनिया भर में ऊंचे दर्जे के शायरों-कवियों में गिना जाता है. सिनेमा ने जिस उर्दू शायर की रचनाओं को सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया, वह बेशक गालिब ही हैं.
Bollywood
ऑस्कर की आस में ‘2018’
अब तक केवल तीन भारतीय फिल्में ही आखिरी पांच में पहुंच पायी हैं- 1957 में महबूब खान की 'मदर इंडिया', 1988 में मीरा नायर की 'सलाम बॉम्बे' और 2001 में आशुतोष गोवारीकर की 'लगान.'
Entertainment
बड़े पर्दे पर राम की लीला
फिल्मकारों ने मूक फिल्मों के दौर से ही रामकथा को कहना, दिखाना शुरू कर दिया था. पहला प्रयास दादा साहब फाल्के की ‘लंका दहन’ (1917) था. इसके बाद ढेरों फिल्मों में राम और रामकथा के पात्र दिखे.
Entertainment
लाल बहादुर शास्त्री जी और सिनेमा
आज है दो अक्तूबर का दिन, आज का दिन है बड़ा महान, आज के दिन दो फूल खिले हैं, जिनसे महका हिंदुस्तान...’’ साल 1967 के अंत में निर्देशक केवल पी कश्यप की जीतेंद्र, नंदा अभिनीत फिल्म ‘परिवार’ के इस गाने में गीतकार गुलशन बावरा महात्मा गांधी के साथ लाल बहादुर शास्त्री को भी याद करते हैं.
Bollywood
Ganesh Chaturthi 2023: हिंदी फिल्मों में गणपति की धूम
अपनी फिल्मों में झांके तो विघ्नहर्ता गणपति सिनेमा के पर्दे पर हमेशा से ही स्थान पाते रहे हैं. चूंकि कुछ अरसा पहले तक अपने यहां बनने वाली अधिकांश हिंदी फिल्मों में कहानी की पृष्ठभूमि मुंबई की ही होती थी इसलिए वहां मनाए जाने वाले डांडिया, गणपति जैसे त्योहारों का उनमें सहज ही चित्रण दिखाई देता था.
Entertainment
झवेरचंद मेघाणीः जिन्हें कहा गया ‘राष्ट्रीय शायर’
गुजराती साहित्य के ख्यातिलब्ध नामों में गिने जाने वाले झवेरचंद कालिदास मेघाणी की प्रतिष्ठा का अनुमान इसी से लगाया जा सकता है, कि स्वयं महात्मा गांधी ने उन्हें ‘राष्ट्रीय शायर’ के नाम से पुकारा था.