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डॉ अंशुमान

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उच्च रक्तचाप बीमारी नहीं, लक्षण है

हमारी सभ्यता एक जटिल जंजाल में उलझ गयी है. बीमारियों का सीधा संबंध हमारी जीवनशैली और आदतों से हो गया है. सरल और सादा रहन-सहन हमें स्वस्थ एवं सुदीर्घ जीवन दे सकता है.

बच्चों के खान-पान को सुरक्षित बनाया जाए

आज भारत में लगभग एक-तिहाई बच्चे बीमार और 10 प्रतिशत बच्चे डायबिटीक हो चुके हैं. ऐसे बच्चे जब बड़े होते हैं, तो कम उम्र में हार्ट अटैक, नपुंसकता, डायबिटीज और कैंसर जैसी समस्याओं का जोखिम बहुत बढ़ जाता है.

महामारी बनते कैंसर को मात देने की रणनीति बने

यह सोचना भी बहुत जरूरी है कि उन लोगों को कम आयु में कैंसर क्यों हो रहा है, जिन्होंने कभी न तंबाकू लिया और न शराब पिया. लोगों की जीवनशैली अच्छी नहीं है.

आनुवंशिक रोगों की दवा बनाने की सराहनीय पहल

जिन विशेष रोगों की चर्चा हो रही है, उनमें से अधिकतर आनुवंशिक बीमारियां हैं. इन बीमारियों में जीन में गड़बड़ी से गर्भ में पल रहे बच्चे प्रभावित होते हैं. उन्हें जीवनभर दवाओं पर निर्भर रहना पड़ सकता है. ऐसे में उपचार बेहद महंगा हो जाता है.

इलाज का विकल्प टेलीमेडिसिन

टेलीमेडिसिन से स्वास्थ्य देखभाल व्यवस्था प्रभावी हो सकती है, बशर्ते कि वह सही तरीके से और सही दिशा में हो.

तुरंत रुके प्लास्टिक का इस्तेमाल

हमें अपनी जरूरतों में से प्लास्टिक को हटाना होगा. राजनीतिक इच्छाशक्ति और सहभागिता की मजबूत भावना से प्लास्टिक समस्या से मुक्ति मिल सकती है.

प्रदूषण पर गंभीर होने की जरूरत

वायु गुणवत्ता कभी ऐसी नहीं होती, जो रहने योग्य हो. देश के कई शहरों में वायु गुणवत्ता लगातार चिंताजनक बनी ही रहती है.
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