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बिक गया वाशिंगटन पोस्ट अखबार

अमेजन वेबसाइट के प्रमुख ने 25 अरब में किया सौदावाशिंगटन:ऑनलाइन शापिंग कराने वाली प्रमुख बेवसाइट अमेजन के प्रमुख जेफ बेजोस ‘वाशिंगटन पोस्ट’ अखबार को 25 करोड़ डॉलर में खरीदने पर सहमत हो गये हैं. बेजोस इस अखबार व इसके प्रकाशन के अन्य कारोबार को अपनी निजी संपत्ति के रूप में खरीद रहे हैं. अखबार के […]

अमेजन वेबसाइट के प्रमुख ने 25 अरब में किया सौदा
वाशिंगटन:ऑनलाइन शापिंग कराने वाली प्रमुख बेवसाइट अमेजन के प्रमुख जेफ बेजोस ‘वाशिंगटन पोस्ट’ अखबार को 25 करोड़ डॉलर में खरीदने पर सहमत हो गये हैं. बेजोस इस अखबार व इसके प्रकाशन के अन्य कारोबार को अपनी निजी संपत्ति के रूप में खरीद रहे हैं. अखबार के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डोनाल्ड ग्राहम ने कहा है,अखबार उद्योग में हमने जिन चुनौतियों का सामना किया है, उसके आधार पर हमने ये सोचा कि अगर इसका कोई दूसरा मालिक होगा, तो क्या वो अखबार के लिए बेहतर साबित होगा.

लोकप्रिय अखबार

ग्राहम ने कहा, जेफ बेजोस ने ख़ुद को तकनीक और व्यापार की प्रतिभा के रूप में साबित किया है. उनके दीर्घकालिक दृष्टिकोण और व्यक्तिगत शालीनता की वजह से वो इस अखबार के अच्छे मालिक साबित होंगे. दि वाशिंगटन पोस्ट कंपनी अन्य संपत्तियों के अलावा कापलान की भी मालिक है, जो टेस्ट की तैयारी कराने वाली कंपनी है. इसका मालिकाना ग्राहम परिवार के पास ही रहेगा. इस सौदे के अगले दो महीने में पूरा होने की उम्मीद है.

अखबार की पुरानी पहचान
वाशिंगटन पोस्ट को वाटरगेट कांड के कवरेज के लिए जाना जाता है. हाल के वर्षों में इंटरनेट के कारण विज्ञापनों से होने वाली कमाई में कमी आयी है. इसलिए प्रिंट के कारोबार को वेब के अनुरूप बनाने के लिए संघर्ष करना पड़ा है. होराइजन मीडिया विश्‍लेषक ब्राड एडगेट ने कहा, अखबार की बिक्री में गिरावट आयी है, खास कर युवा पाठकों में. इसके बावजूद वे कहते हैं, मैं हमेशा यह सोचता था कि अपने नाम और ख्याति के दम पर यही अखबार डिजिटल मीडिया के ज्वार का सामना करने में सक्षम हो सकता था.

न्यूजवीक के भी दिन ठीक नहीं

दुनिया की दो प्रमुख पत्रिकाओं मे से एक न्यूजवीक के भी दिन ठीक नहीं चल रहे हैं और इसे इंटरनेशनल बिजनेस टाइम्स ने अपने अधिकार में ले लिया है. इसी तरह से इंटरनेशनल हेरल्ड ट्रिब्यून को इंटरनेशनल न्यू यॉर्क टाइम्स के नाम से जाना जायेगा. यह परिवर्तन 15 अक्तूबर से प्रभावी होगा.

ये भी ऑनलाइन सक्रिय

सीएनएस, बीबीसी, हफिंगटन पोस्ट, द गार्जियन, द वॉल स्ट्रीट जरनल और फाइनेंशियल टाइम्स जैसे दिग्गज ऑनलाइन सक्रि य हैं. न्यू यॉर्कटाइम्स के सात लाख डिजिटल सब्सक्र ाइबर्स हैं. अमेरिका से बाहर ऐसे ग्राहकों की संख्या 10 फीसदी है. इसलिए अमेरिका से बाहर निकल कर कारोबार को यूरोप में फैलाना कम चुनौतीपूर्ण नहीं है. इसके लिए बदलाव करने होंगे.

घटती प्रसार संख्या

अखबारों की ऑडिट करने वाली संस्था अलायंस फॉर ऑडिटेड मीडिया के मुताबिक दि वाशिंगटन पोस्ट इस साल अमेरिका में सातवां सबसे लोकप्रिय दैनिक अखबार था. इसकी चार लाख 74,767 प्रतियां छपती हैं. यह पिछले साल की तुलना में 6.5 फीसदी कम है. वाशिंगटन पोस्ट की बेवसाइट पर पोस्ट किये गये एक पत्र में बेजोस ने कहा है कि वो अखबार के रोजमर्रा के काम नहीं देखेंगे. उन्होंने ये भी कहा है कि वो अखबार के मूल्यों में बदलाव नहीं करेंगे.

भारत में भी होंगे बदलाव
इस तेजी से फलते-फूलते डिजिटल मीडिया के दौर में भारत में भी बदलाव होंगे लेकिन ये बदलाव उतने तेज और प्रभावी नहीं होंगे जितने कि यह अमेरिका, यूरोप और दुनिया के अन्य क्षेत्रों में होते रहे हैं. भारत और भारतीय उप महाद्वीप के देशों में इनके बदलाव की धीमी गति का कारण यहां का कारोबारी मॉडल होगा, जोकि परंपरागत तौर पर परिवारों से ही जुड़ा होता है और इसमें क्रांतिकारी परिवर्तन की उम्मीद नहीं की जानी चाहिए. इसके साथ ही, भारत में पूंजी की उतनी अधिक मात्र भी कामकाज में नहीं लगायी जाती है, जितनी कि अमेरिका और यूरोप के देशों में लगायी जाती है.

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