मुजफ्फरपुर: बीआरए बिहार विवि में कॉलेज फंड का सात करोड़ रुपये शिक्षक व शिक्षकेत्तर कर्मचारियों के वेतनमद में खर्च कर दिया गया है. इस पर नियंत्रक महालेखा परीक्षक (कैग) ने आपत्ति जतायी है. इस मामले में विवि अधिकारियों को गुरुवार को अपना पक्ष राज्य सरकार के उच्च शिक्षा विभाग के समक्ष रखना है. इसके लिए विभाग ने कुलसचिव डॉ एपी मिश्र, वित्त पदाधिकारी जेएनपी सिंह व वित्त परामर्शी जीसीएल श्रीवास्तव को तलब किया है.
यूजीसी की ओर से प्रत्येक वर्ष कॉलेजों को अलग से फंड मुहैया कराया जाता है. इस राशि को कॉलेजों में सुविधाओं के विकास के लिए खर्च करना होता है. पर जून 2009 में विवि शिक्षकों व शिक्षकेत्तर कर्मचारियों के वेतनमद की राशि भेजने में सरकार की देरी के बाद विवि ने कॉलेज फंड की राशि से उनका वेतन भुगतान किया. हालांकि 2008-09, 2009-10 व 2010-11 में खर्च की गयी राशि को पुन: वापस कॉलेजों को वापस लौटा दी गयी. पर मामला 2007-08 के कॉलेज फंड की राशि को लेकर अब तक फंसा हुआ है.
इस वर्ष कॉलेज फंड में मिले सात करोड़ रुपये को डीए इनपीयर के रूप में भविष्य निधि में जमा कर दिया गया. ऐसा विवि के फाइनेंस कमेटी व सि¨डकेट की अनुमति से किया गया.
राशि लौटाने का वादा बेअसर
कैग अधिकारियों ने पिछले दिनों विवि के ऑडिट के लिए विवि का दौरा किया. इस दौरान कॉलेज फंड की राशि वेतन मद में खर्च किये जाने का खुलासा हुआ. कैग ने इस पर आपत्ति जताते हुए विवि से जवाब मांगा. इस दौरान विवि ने खर्च की गयी राशि को पुन: लौटा दिये जाने की बात कही. पर कैग ने पूर्व में कॉलेज फंड की राशि खर्च किये जाने व उसे फिर वापस लौटा दिये जाने पर सवाल उठा दिया.