लाहौर: पाकिस्तान के मानवाधिकार आयोग ने भारतीय नागरिक सरबजीत सिंह पर हुए हमले की आज कड़ी आलोचना करते हुए संघ सरकार को आदेश दिया कि वह मामले की जांच करे और इसके लिए दोषी लोगों को सजा दे.
आयोग ने एक बयान में कहा, ‘‘पाकिस्तान के मानवाधिकार आयोग लाहौर के कोट लखपत जेल में भारतीय कैदी सरबजीत सिंह पर हुए जानलेवा हमले की आलोचना करता है. कैदी अपनी सुरक्षा के लिए पूरी तरह से जेल के संरक्षकों पर आश्रित है और उसके दोष से इतर उसे भी जेल के वार्डन या साथी कैदियों की हिंसा से सुरक्षा पाने का पूरा अधिकार है.’’
आयोग ने संघ और पंजाब प्रांत की सरकारों से कहा है कि वे इस वीभत्स घटना की विस्तृत जांच करें और इसके लिए जिम्मेदार लोगों को न्याय की जद में लाए. यह कार्य जितनी जल्दी हो उतना ही बेहतर होगा. उसने 49 वर्षीय सरबजीत को समुचित सुरक्षा मुहैया नहीं कराने के लिए जेल प्रशासन की आलोचना की है.
बयान में कहा गया है, ‘‘अधिकारियों को सरबजीत सिंह की सुरक्षा का विशेष ध्यान रखना चाहिए था क्योंकि उसके मामले के बारे में सभी जानते हैं. उसके प्रति साथी कैदियों के व्यवहार का पहले से अंदाजा लगाया जाना चाहिए था.’’ इस घटना से भारत के साथ संबंधों पर पड़ने वाले असर से चिंतित पाकिस्तान के मानवाधिकार आयोग ने कहा कि पाकिस्तानी अधिकारियों को किसी भारतीय कैदी पर होने वाले जनलेवा हमले के कारण दोनों देशों के संबंधों पर पड़ने वाले असर के बारे में पता होना चाहिए था.
संस्था ने कहा कि हाल ही में भारत ने कोट लखपत जेल में बंद भारतीय कैदी की प्रताड़ना से हुई मौत के मामले में शिकायत की थी और वह मामला अभी तक सुलझा नहीं है.