बीजिंग : पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर से प्रस्तावित व्यापारिक गलियारे को लेकर भारत की चिंता को दरकिनार करते हुये चीन और पाकिस्तान ने अरबों डालर की इस परियोजना को अंतिम रुप देने के लिये यहां एक बैठक की. पाकिस्तान के राष्ट्रपति ममनून हुसैन चीन की आधिकारिक यात्र पर आज यहां पहुंचे. पाकिस्तान के राष्ट्रपति का पद संभालने के बाद हुसैन की यह पहली विदेश यात्रा है. इस दौरान आर्थिक गलियारे पर गठित संयुक्त सहयोग समिति की दूसरी बैठक का भी आयोजन होगा.
हुसैन अपनी चार दिन की यात्रा के दौरान चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और प्रधानमंत्री ली क्विंग के साथ भी बातचीत करेंगे. चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनियिंग ने संवाददाताओं के सवालों के जवाब में कहा ‘‘यह मुद्दा एजेंडा में शामिल है.’’ उनसे चीन और पाकिस्तान के बीच 2,000 किलोमीटर लंबे आर्थिक मार्ग को लेकर भारत की चिंता पर सवाल पूछा गया था. यह गलियारा पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर से होकर बनाये जाने का प्रस्ताव है.
भारत को इस पर आपत्ति है. प्रवक्ता ने कहा ‘‘भारत की चिंता की जहां तक बात है, मैं समझती हूं कि यह कश्मीर मुद्दे से जुड़ा है. इस मामले में चीन की स्थिति बिल्कुल स्पष्ट है कि कश्मीर का मुद्दा एतिहासिक रप से विरासत से जुड़ा मुद्दा है.’’ उन्होंने कहा ‘‘हमारा मानना है कि दोनों पक्ष :भारत और चीन: शांति की भावना से काम करते हुये इस मुद्दे से बातचीत और विचार विमर्श के जरिये उचित तरीके से निपटेंगे.’’