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इटली ने कहा,मरीन मामला तीन दिन में निपट जाना चाहिए था

रोम : इटली ने इस बात पर खेद प्रकट किया है कि दो भारतीय मछुआरों की हत्या के आरोपी उसके दो मरीन का मामला घटना के तीन दिन के भीतर ही नहीं सुलझाया गया और यह भारत की घातक न्यायिक और राजनीतिक पेचीदगियों में फंस गया. इटली सरकार के विशेष दूत स्टफन डी मिस्तूरा ने […]

रोम : इटली ने इस बात पर खेद प्रकट किया है कि दो भारतीय मछुआरों की हत्या के आरोपी उसके दो मरीन का मामला घटना के तीन दिन के भीतर ही नहीं सुलझाया गया और यह भारत की घातक न्यायिक और राजनीतिक पेचीदगियों में फंस गया. इटली सरकार के विशेष दूत स्टफन डी मिस्तूरा ने कहा, ‘‘मामले को सुलझाने का सबसे सही समय घटना के पहले 72 घंटे थे.’’ विदेश अवर सचिव मिस्तूरा ने मंगलवार को भारत के उच्चतम न्यायालय में मामले की अगली सुनवाई से ठीक पहले कहा, ‘‘किसी ने यह कल्पना नहीं की होगी कि 15 फरवरी 2012 की यह घटना दो लंबे साल तक खिंच जाएगी.’’ इटली की एएनएसए संवाद समिति ने मस्तूरा के हवाले से कहा, मरीन मासीमिलानो लेतोरे और साल्वातोर गिरोन ‘‘केरल के घातक न्यायिक और राजनीतिक चक्र में फंस गए हैं.’’

मरीन ने फरवरी 2012 में केरल तट की तरफ कथित रुप से दो मछुआरों की गोली मारकर हत्या कर दी थी, जिससे भारत और इटली के बीच राजनयिक संकट पैदा हो गया था. भारतीय अधिकारियों ने मामले की जांच करने वाली राष्ट्रीय जांच एजेंसी को मरीन के खिलाफ सप्रैशन ऑफ अनलॉफुल एक्ट्स के तहत मरीन पर मुकदमा चलाने की इजाजत दी है. इस कानून में मौत की सजा का प्रावधान है. भारत ने पिछले सप्ताह मौत की सजा की आशंका को समाप्त कर दिया, लेकिन जोर देकर कहा कि मरीन पर एंटी पायरेसी कानून के तहत मुकदमा चलाया जाएगा. अब उन्हें दस साल तक की सजा हो सकती है.

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