इस्लामाबाद : पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने कश्मीर मसले को सुलझाने के लिए भारत को ‘‘व्यापक, निरंतर और परिणाम देने वाली’’ वार्ता करने के लिए आज आमंत्रित किया. शरीफ ने पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर की विधानसभा के एक संयुक्त सत्र को संबोधित करते हुए कहा , ‘‘ मैं कश्मीर मसले के समाधान के लिए एक विस्तृत, निरंतर और परिणाम देने वाली वार्ता करने के लिए भारत को आमंत्रित करता हूं.’’उन्होंने जोर देकर कहा कि जब तक कश्मीरी लोगों की अपेक्षाओं के अनुरुप कश्मीर विवाद को नहीं सुलझाया जाता, तब तक इलाके में ‘‘ अविश्वास और तनाव’’ का माहौल बना रहेगा. पाकिस्तान 1990 से लेकर प्रतिवर्ष पांच फरवरी को ‘‘कश्मीर एकता दिवस’’ के रुप में मनाता है जिसके तहत देशभर में विभिन्न राजनीतिक दलों और कट्टरपंथी समूहों ने रैलियां आयोजित कीं.
जमात उद दावा ने लाहौर और इस्लामाबाद समेत विभिन्न शहरों में कई विरोध प्रदर्शन किए. संगठन के प्रमुख हाफिज सईद ने लाहौर में एक रैली को संबोधित किया. सईद मुंबई हमलों के मामले में भारत में वांछित आंतकवादी है. शरीफ ने पिछले वर्ष प्रधानमंत्री के तौर पर कार्यभार संभालने के बाद से भारत के साथ बेहतर संबंधों को लेकर बात की है. हालांकि सात भारतीय जवानों की हत्या और नियंत्रण रेखा पर भारी गोलीबारी के कारण दोनों देशों के संबंधों में और खटास आई है.
प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में आज भरोसा जताया कि भारतीय नेतृत्व इस मामले की संवेदनशीलता को समझते हुए वार्ता के उनके इस निमंत्रण पर सकारात्मक तरीके से जवाब देगा और कश्मीर के लोगों को ‘‘आत्म निर्णय का अधिकार’’ देगा.शरीफ ने कहा कि पाकिस्तान ने नियंत्रण रेखा के दोनों ओर रह रहे लोगों की मुश्किलों को कम करने के लिए कई ठोस कदम उठाए हैं. इन कदमों में व्यापार और लोगों के आवागमन के लिए नियंत्रण रेखा को खोलना शामिल है. उन्होंने कहा कि इन कदमों से साफ जाहिर होता है कि पाकिस्तान शांति चाहता है. उन्होंने कहा कि कश्मीर विवाद संयुक्त राष्ट्र के अधूरे एजेंडा में है.