न्यूयॉर्क : कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी यहां एक सिख संगठन की ओर से दायर मानवाधिकर के उल्लंघन संबंधी मुकदमे में गवाही नहीं देंगी. सोनिया ने एक वकील ने यह बात कही है. सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) की ओर से की गई मांग के जवाब में सोनिया के एटॉर्नी रवि बत्रा ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष इस मामले में गवाही नहीं देंगी.
एसएफजे के एटॉर्नी गुरपतवंत सिंह पन्नून ने पिछले सप्ताह कहा था कि अमेरिका की संघीय अदालत से आग्रह किया जाएगा कि सितम्बर, 2013 में अमेरिका में सोनिया की मौजूदगी तथा उन्हें भेजे गए सम्मन के संदर्भ में उनकी गवाही ली जाए.
बत्रा ने एसएफजे की मांग को खारिज करते हुए कहा कि यह दुखद है कि यह संगठन गलत धारणा पैदा कर रहा है कि भारतीय नेता 1984 के सिख विरोधी दंगों के मामले में दायर मुकदमें में गवाही देंगी.
एसएफजे को एक संघीय अदालत ने इस बात की जांच करने के लिए कहा था कि क्या पिछले साल दो से 9 सितम्बर के बीच सोनिया गांधी न्यूयॉर्क में थीं. संगठन से इस संबंध में प्रतिवाद दायर करने के लिए भी कहा गया था कि दूसरे पक्ष ने सम्मन की अक्षम सेवा के कारण मानवाधिकार के उल्लंघन के मुकदमे को खारिज करने की मांग की है.
सोनिया की ओर से बीते 13 जनवरी को नया हलफनामा दायर किया था और इसमें मुकदमे को खारिज करने की मांग की गई थी. सोनिया गांधी की ओर से अमेरिकी अदालत को सौंपे गए हलफनामे में कहा गया है कि कांग्रेस अध्यक्ष 3 सितम्बर से 09 सितम्बर 2013 के बीच न्यूयॉर्क अथवा अमेरिका में नहीं थीं.
एसएफजे ने कहा कि सोनिया सितम्बर महीने में यहां स्लोआन केटरिंग कैंसर सेंटर में उपचार के लिए मौजूद थीं. इस संगठन के लोग सिख विरोधी दंगों के साजिशकर्ताओं को कथित तौर पर बचाने में सोनिया की कथित भूमिका को लेकर उनके खिलाफ मुकदमे की की मांग रहे हैं.