पेरिस : आतंकवादी समूह इस्लामिक स्टेट (आईएसआईएस) ने फ्रांस के राष्ट्रीय अवकाश दिवस पर नीस में हुए ट्रक हमले में 84 लोगों के मारे जाने की घटना की जिम्मेदारी ली है. जिहादियों से बारे में समाचार देने वाली एक समाचार सेवा ‘अमक’ ने शनिवार को यह जानकारी दी. अमक ने एक आईएस सुरक्षा सूत्र के हवाले से बताया कि उसके ‘सैनिकों’ में से एक ने सहयोगी देशों के साथ मिलकर (आईएस) के खिलाफ लड़ने वालों को लक्षित करने के लिए गुरुवार के नरसंहार से जवाब दिया. उल्लेखनीय है कि फ्रांस के नीस शहर में बास्तील दिवस के मौके पर जुटी भीड में ट्रक घुसा कर 84 लोगों की जान ले ली गयी थी. इस हमले में शामिल ट्यूनिशियायी व्यक्ति से संबंधित चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है.
एक न्यायिक सूत्र ने आज यह जानकारी दी. कल रात हुए इस हमले में 84 लोगों की मौत हो गई थी और दर्जनों लोग घायल हो गए थे. गिरफ्तार किए गए चार लोगों में से एक व्यक्ति को कल पकडा गया था जबकि तीन अन्य को आज सुबह गिरफ्तार किया गया है. हमला करने वाले ट्रक चालक की पत्नी भी पुलिस की गिरफ्त में है. हमले की जिम्मेवारी आतंकी संगठन आईएसआईएस ने ली है.
गौरतलब है कि फ्रांस के तटीय शहर नीस में बास्तील दिवस मना रही भीड पर ट्यूनीशिया मूल के एक व्यक्ति ने ट्रक चढा दिया जिससे कम से कम 84 लोगों की मौत हो गई. राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद ने पहले ही इस घटना को ‘आतंकवादी’ हमला करार दिया था. एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि ट्रक को रोकने के लिए एक मोटरसाइकिल सवार उसके बगल से चलने लगा और ट्रक का दरवाजा खोलने का प्रयास किया, लेकिन वह अपनी बाइक से नीचे गिर गया और ट्रक के पहियों के नीचे आ गया.
स्थानीय मीडिया की खबरों के अनुसार मारे गए लोगों में दो बच्चे भी शामिल थे तथा 50 अन्य लोगों का उपचार चल रहा है जो इस हमले में घायल हुए हैं. इस हमले में दो अमेरिकी और एक यूक्रेनी नागरिक की भी मौत हुई है. प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार प्रोमेनादे देस एंगलेस इलाके में चल रहे इस समारोह में यह ट्रक करीब दो किलोमीटर (1.3 मील) तक लोगों को कुचलते हुए निकला. इस दौरान हजारों लोग आतंकित होकर घटनास्थल से भागे.
ट्रक चालक गोली लगने से मारा गया, लेकिन तब तक बहुत से लोगों की जान जा चुकी थी. अधिकारियों ने आज बताया कि इस समारोह में करीब 30,000 लोग पहुंचे थे. इस हमले के संदिग्ध की पहचान 31 वर्षीय फ्रांसीसी-ट्यीनीशियन मोहम्मद लाहौएज-बुलेल के रूप में हुई है. आईएसआईएस का दावा है कि इस हमले को अंजाम देने वाला हमलावर आईएस से जुड़ा हुआ है. ट्रक में उसी का पहचान पत्र मिला है.
नीस के जिस इलाके में वह रहता है वहां के उसके पड़ोसियों ने उसे एकाकी व्यक्ति बताया जो बिरले ही किसी से बात करता था और वह आते-जाते भी किसी के अभिवादन का जवाब नहीं देता था. हमले के बाद फ्रांसीसी राष्ट्रपति ओलांद ने तीन दिनों के राष्ट्रीय शोक का ऐलान किया. जनवरी, 2015 के शार्ली हेब्दो पत्रिका के कार्यालय पर हमले और नवंबर, 2015 में पेरिस में कई स्थानों पर हुए हमले के बाद फ्रांस ने फिर से इस तरह के हमले का दंश का झेला है.