सिंगापुर : सिंगापुर के प्रधानमंत्री ली सीन लूंग ने 8 दिसंबर को दक्षिण एशियाई विदेशी कर्मचारियों द्वारा हिंसा फैलाए जाने को अक्षम्य करार दिया लेकिन यह भी कहा कि जब तक अतिथि कर्मचारी देश के कानून का पालन करेंगे तब तक उनका देश उन कर्मचारियों के साथ ईमानदारीपूर्वक व्यवहार करेगा.
ली ने बीती रात नए साल पर अपने संदेश में कहा ‘‘हम विदेशी कर्मचारियों के साथ ईमानदारीपूर्वक व्यवहार करते रहेंगे लेकिन उनसे हमारी अपेक्षा है कि वह हमारे कानूनों और सामाजिक मानदंडों का पालन करें.’’उन्होंने कहा ‘‘लिटल इंडिया में हुए दंगे अक्षम्य हैं. हमले दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की है. कई लोगों पर आरोप तय किए गए, कई को चेतावनी दी गई और उनके देश वापस भेजा गया. लेकिन जो बच गए हैं, उनको हमारी सलाह है कि हमारे कानूनों का कड़ाई से पालन करें.’’
ली ने कहा ‘‘दंगों के कारणों का पता लगाने और भविष्य में इनकी पुनरावृत्ति रोकने के उपाय सुझाने के लिए एक जांच समिति गठित की गई है.’’सिंगापुर ने पिछले दिनों, करीब 40 साल से अधिक समय में भयावह हिंसा देखी. 8 दिसंबर को जब लिटल इंडिया में ज्यादातर दक्षिण एशियाई कर्मचारी रविवार की छुट्टी मना रहे थे तब वहां हिंसा हो गई. बताया जाता है कि हिंसा में करीब 400 दक्षिण एशियाई प्रवासी कर्मचारी शामिल थे.
इस संबंध में 25 भारतीयों पर दंगा फैलाने का आरोप है और 56 भारतीयों तथा बांग्लादेशियों को उनके देश भेज वापस दिया गया है. सिंगापुर सरकार ने 200 अन्य दक्षिण एशियाई कर्मचारियों को चेतावनी भी जारी की है.