वाशिंगटन : अमेरिका ने अलेप्पो शहर के भीतर और आसपास के इलाकों में सीरियाई सरकार के बलों के अंधाधुंध हवाई हमलों की निंदा की है. इन हमलों में बच्चों समेत 300 से ज्यादा लोगरें के मारे जाने की खबर है.
व्हाइट हाउस के प्रेस सचिव जे कार्नी ने कहा, ‘‘अमेरिका नागरिकों पर सरकारी बलों के हवाई हमलों और पिछले सप्ताह अलेप्पो के भीतर और आसपास स्कड मिसाइलों व बैरल बमों के अंधाधुंध इस्तेमाल की निंदा करता है.’’
सप्ताहांत पर अलेप्पो और दूसरे उत्तरी शहरों पर राष्टूपति बशर अल-असद के प्रशासन द्वारा भारी तीव्रता वाले ‘बैरल बमों’ की बमबारी में 300 से ज्यादा लोग मारे गए थे. इसकी वजह से अगले माह होने वाली शांति वार्ताओं पर संशय के बादल फिर से गहरा गए हैं.
कार्नी ने कहा कि सीरियाई सरकार को अपने नागरिकों की सुरक्षा के लिए अंतरराष्ट्रीय मानवतावादी कानून के तहत अपनी जिम्मेदारियों का सम्मान करना चाहिए.
कार्नी ने कहा कि सीरियाई सरकार को लाखों सीरियाई पुरुषों, महिलाओं व बच्चों के लिए अत्यधिक जरुरी सेवाऐं उपलब्ध करवाने के लिए सुरक्षित और बाधारहित मानवतावादी मदद की आपूर्ति का नवंबर में किया हुआ वायदा पूरा करना चाहिए.
व्हाइट हाउस के प्रवक्ता ने कहा, ‘‘सीरियाई जनता के कष्टों को खत्म करने के लिए जरुरी है कि सीरियाई लोग एक समग्र और स्थायी राजनैतिक हल पर पहुंचें.’’ उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिका सीरिया में रक्तपात समाप्त करने में मदद करने के लिए एक राजनैतिक समझौते को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है.
संयुक्त राष्ट्र के आकलन के अनुसार, मार्च 2011 में राष्ट्रपति असद के खिलाफ शुरु हुए विद्रोह के बाद से सीरियाई गृहयुद्ध में एक लाख से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं. लाखों लोग आसपास के देशों में विस्थापित हो गए हैं.
सीरिया में हमले से 56 की मौत
बेरूत:एलेप्पो शहर में सीरियाई सेना द्वारा किये गए हवाई हमले में छह बच्चों समेत 56 लोगों की मौत हो गई, जबकि इस हवाई बमबारी के दौरान दर्जनों के घायल होने की सूचना है
संस्था के रामी अब्दुल रहमान ने कहा कि उन्होंने हनानों में सड़क पर कारों के एक काफिले पर हमला किया जिसमें कई कारें नष्ट हो गईं. पिछले ढाई साल से सीरिया में जारी गृहयुद्ध में कई विदेशी आतंकवादी गुटों के लड़ाके भी सरकार की ओर से और सरकार के विरुद्ध लड़ रहे हैं. इस युद्ध में अब तक एक लाख से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है. मानवाधिकार संगठनों का कहना है कि अगर सेना को विद्रोहियों पर हमला करना होता तो वह रिहायशी इलाकों में बमबारी कर मासूम लोगों को मौत के घाट न उतारती..