इसलामाबाद:पाकिस्तान की एक आतंकवाद-निरोधी अदालत ने वर्ष 2007 में पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो की हत्या के मामले में शुक्रवार को पूर्व सैन्य शासक परवेज मुशर्रफ को 30 अप्रैल तक संघीय जांच एजेंसी (एफआइए) की हिरासत में भेज दिया. रावलपिंडी की आतंकवाद निरोधी अदालत के जज चौधरी हबीब-उर-रहमान ने काफी कम देर की सुनवायी में मुशर्रफ की हिरासत संबंधी एफआइए का आग्रह मंजूर कर लिया. एफआइए के वकील ने जज को बताया कि वे मुशर्रफ की हिरासत चाहते हैं ताकि उनसे बेनजीर की हत्या मामले में पूछताछ की जा सके. जज ने एफआइए को निर्देश दिया कि वह मुशर्रफ को फिर 30 अप्रैल को अदालत में पेश करे.
घर में ही रहेंगे कैद
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि इस हिरासत के तहत मुशर्रफ को उनके फार्महाउस में ही कैद रखा जायेगा, जिसे अधिकारियों ने एक ‘उप-कारा’ घोषित किया है. एफआइए की एक संयुक्त जांच टीम मुशर्रफ से पूछताछ कर रही है. जज ने मुशर्रफ के वकीलों के उस आग्रह को नामंजूर कर दिया जिसमें संयुक्त जांच टीम को बदलने का आग्रह किया गया था.
मीडिया को रखा गया दूर
मुशर्रफ को वाहनों के एक काफिले में उनके फार्महाउस से सुबह 10 बजे से कुछ देर पहले आतंकवाद निरोधी अदालत ले जाया गया. अदालत में सुनवाई के दौरान मीडिया को अदालतकक्ष में नहीं जाने दिया गया. एफआइए ने गुरुवार को मुशर्रफ को गिरफ्तार किया और एफआइए की एक संयुक्त टीम ने उनका बयान भी दर्ज किया. जियो समाचार चैनल की खबर के अनुसार एफआइए के अधिकारियों ने मुशर्रफ से पूछा कि उनके शासनकाल में बेनजीर भुट्टो को पर्याप्त सुरक्षा क्यों नहीं मुहैया करायी गयी थी. खबर के अनुसार मुशर्रफ ने कहा कि बेनजीर को पूरी सुरक्षा दी गयी थी. साथ ही उन्होंने अपने खिलाफ लगे आरोप मानने से इनकार कर दिया.