नैरोबी : केन्या ब्रिटेन से आजादी के बाद चुनौतियों के बीच तरक्की और खुशहाली की राह में अपने सफर की 50वीं सालगिरह मना रहा है.जश्न का आगाज आधी रात को हुआ जब उहूरु गार्डन्स में केन्याई झंडा फहरा कर 50 साल पहले मिली आजादी याद की गई. केन्या 1895 से ब्रिटिश की गुलामी और शोषण का शिकार था.
उधर, आजादी की 50वीं सालगिरह को अपने अंदाज में मनाने और उसे एक यादगार लम्हे में बदलने के लिए कुछ जियाले माउंट केन्या की बर्फ से ढकी शिखर पर राष्ट्रीय ध्वज फहरा रहे थे. इतिहास के एक और पल को दोहराने के लिए राष्ट्रपति उहूरु केन्याटा आज जनसमूह और क्षेत्रीय देशों के राष्ट्रपतियों को संबोधित करेंगे. 50 साल पहले उनके पिता जोमो केन्याटा ने आजादी हासिल करने के बाद देश के पहले राष्ट्रपति बने थे.
तब, आजादी की खूशी से सराबोर केन्या के आम अवाम ने सड़कों पर झूम झूम कर गाया था और पागलों की तरह नाची थी. पचास साल के बाद चीजें बदली हैं. आज जब उपनिवेश-विरोधी भावनाएं उभारी जा रही है, केन्याटा पर अंतरराष्ट्रीय दबाव बढ़ रहा है. उनपर अगले साल मानवता विरोधी अंतरराष्ट्रीय अपराध का मुकदमा चलने वाला है.