वाशिंगटन : अमेरिका में एक हिंदू-अमेरिकी समूह ने भारत में धार्मिक स्वतंत्रता और मानवाधिकार पर कांग्रेस के एक प्रस्ताव के खिलाफ जन आंदोलन शुरु किया है.
कांग्रेस के सदस्यों कीथ एलिसन और जोए पिट्स ने 18 नवंबर को पेश विधेयक में भारत की ‘‘समृद्ध धार्मिक विविधता और सहिष्णुता एवं समानता के प्रति उसकी प्रतिबद्धता’’ की प्रशंसा की और साथ ही धार्मिक स्वतंत्रता का हनन होने पर चिंता जताई. उन्होंने गुजरात में 2002 में हुए साम्प्रदायिक दंगों में मोदी की कथित भूमिका का भी जिक्र किया था.
वाशिंगटन आधारित हिंदू अमेरिकन फाउंडेशन :एचएएफ: ने इस विधेयक को दोषपूर्ण बताया है. एचएएफ का तर्क है कि प्रस्ताव में साम्प्रदायिक हिंसा के लिए केवल हिंदू राष्ट्रवाद को जिम्मेदार ठहराया गया है और इस तथ्य को नजरअंदाज किया गया है कि भारत में 2012 में 80 प्रतिशत हमले इंडियन मुजाहिदीन ने किए थे जबकि शेष 20 प्रतिशत हमले माओवादियों ने किए थे.
एचएएफ ने एक बयान में कहा है कि प्रस्ताव में भारत में अक्षरधाम, बोध गया और अन्य स्थानों पर हुए हमलों तथा साम्प्रदायिक बयान देने वाले इस्लामी नेता अकबरद्दीन ओवैसी का जिक्र नहीं किया गया है.
दूसरी ओर कोलेजन अगेंस्ट जेनोसाइड :सीएजी: ने प्रस्ताव का स्वागत किया है. सीएजी के प्रवक्ता कन्नन श्रीनिवासन ने कहा, ‘‘ यह सभी भारतीयों के लिए दु:खद है कि एक बड़े राजनीतिक दल ने ऐसे व्यक्ति को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाया है जिसे कथित रुप से हिंसा फैलाने और अल्पसंख्यकों को दबाने वाले के रुप में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जाना जाता है.’’ उन्होंने अमेरिका से नरेंद्र मोदी को वीजा नहीं देने की अपनी नीति पर कायम रहने की अपील की.