वॉशिंगटन : अमेरिका ने श्रीलंका को चेतावनी देते हुए कहा है कि यदि राजपक्षे सरकार मानवाधिकार, जवाबदेही के मुद्दों और सुलह समझौतों की प्रक्रिया पर कदम आगे नहीं बढ़ाती तो अंतरराष्ट्रीय समुदाय का श्रीलंका के प्रति धैर्य जवाब दे सकता है.
दक्षिण और मध्य एशिया मामलों की सहायक विदेश मंत्री निशा देसाई बिस्वाल ने यहां संवाददाताओं को बताया, ‘‘अमेरिका और पूरे अंतरराष्ट्रीय समुदाय के हमारे सभी सहयोगी श्रीलंका के राजनैतिक परिदृश्य और मानवाधिकारों को लेकर अपनी चिंता जाहिर कर चुके हैं और सुलह समझौते की प्रक्रिया, जवाबदेही के मुद्दे और मानवाधिकारों की आवश्यकता पर जोर भी दे चुके हैं.’’
बिस्वाल ने एक प्रश्न के जवाब में कहा, ‘‘हम अपने श्रीलंका में अपने मित्रों के साथ काम करने के लिए प्रतिबद्ध हैं ताकि वहां हो रही प्रगति देख सकें.’’ उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिका चाहता है कि श्रीलंका अपनी प्रक्रियाओं के जरिए इन मुद्दों को सुलझाए.
उन्होंने कहा, ‘‘हमें उम्मीद है कि यह वस्तुत: एक मामला हो सकता है. मुझे लगता है कि यदि वास्तविक प्रगति नहीं दिखती तो अंतरराष्ट्रीय समुदाय का धैर्य जरुर जवाब दे सकता है खासकर जवाबदेही के मुद्दों पर. इसलिए हमने श्रीलंका में अपने मित्रों से आग्रह किया है कि वे ऐसे ठोस कदम उठाने के लिए अवसर का उपयोग करें जो सार्थक हों.’’
वरिष्ठ अमेरिकी अधिकारी ने कहा, ‘‘एलएलआरसी :लेसन्स लन्र्ट एंड रिकॉन्सिलिएशन कमीशन: के जरिए हालांकि ऐसी कई सिफारिशें की गई हैं. पर मुझे लगता है कि यही वे बिंदु हैं जिन पर प्रगति देखनी होगी और हम उन्हें ऐसा करने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं.’’